Aniruddh Singh
9 Sep 2025
Aniruddh Singh
8 Sep 2025
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8 Sep 2025
मुंबई। देशकी जानी-मानी आइसक्रीम और फ्रोजन फूड कंपनी वाडीलाल इंडस्ट्रीज ने एक बड़ा बदलाव करते हुए परिवार के बाहर से हिमांशु कंवर को को पहली बार कंपनी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया है। यह कदम इसलिए ऐतिहासिक माना जा रहा है क्योंकि अब तक कंपनी का नेतृत्व पूरी तरह से गांधी परिवार के हाथों में ही रहा था। हाल ही में कंपनी ने एक व्यापक पुनर्गठन पूरा किया है, जिसके तहत गांधी परिवार ने मैनेजमेंट और मालिकाना हक को अलग करने का निर्णय लिया। इसका मतलब यह है कि परिवार अब प्रमोटर के रूप में नियंत्रण बनाए रखेगा, लेकिन दैनिक संचालन और नेतृत्व की जिम्मेदारी पेशेवर प्रबंधकों को सौंपी जाएगी।
1907 में स्थापित वाडीलाल इंडस्ट्रीज का सालाना कारोबार लगभग 1,200 करोड़ रुपए है। कंपनी लंबे समय से परिवार के भीतर के मतभेदों और सेटलमेंट को लेकर सुर्खियों में रही है। गांधी परिवार के बीच सालों चले के विवाद ने कंपनी की प्रगति को प्रभावित किया है। ऐसे में पुनर्गठन की प्रक्रिया का उद्देश्य परिवारिक मतभेदों को सुलझाकर कंपनी के भविष्य को स्थिर और मजबूत बनाना था। इसके तहत तीन प्रमोटर-होल्डिंग कंपनियों-वडीलाल इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, वडीलाल फाइनेंस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और वेरोनिका कंस्ट्रक्शंस प्राइवेट लिमिटेड-को वडीलाल इंडस्ट्रीज में मिला दिया गया है। इस विलय से कंपनी की संरचना सरल हो जाएगी, रॉयल्टी भुगतान जैसे मुद्दे हल होंगे और संचालन में भी आसानी होगी।
हिमांशु कंवर की नियुक्ति को एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है। कंवर इससे पहले स्टार्टअप स्केलिंग प्लेटफॉर्म एक्सटू10एक्स में जनरल मैनेजर थे। उससे पहले उन्होंने यूनिलीवर में 15 साल तक काम किया है, जहां उन्होंने पर्सनल केयर और आइसक्रीम बिजनेस को अलग-अलग देशों में संभाला। उनके पास वैश्विक अनुभव और प्रबंधन की गहरी समझ है, जो वाडीलाल जैसी प्रतिस्पर्धी कंपनी के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। भारत में वाडीलाल का सीधा मुकाबला अमूल और एचयूएल की क्वालिटी वॉल्स जैसी दिग्गज कंपनियों से है। ऐसे में पेशेवर नेतृत्व कंपनी को न केवल प्रतिस्पर्धा में मजबूती देगा बल्कि निवेशकों के लिए भी भरोसेमंद माहौल बनाएगा।
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कंपनी ने पुनर्गठन के समय ही कई अहम नेतृत्व परिवर्तन किए थे। कपनी में लंबे समय से मैनेजिंग डायरेक्टर की भूमिका निभा रहे राजेश आर. गांधी और देवांशु एल. गांधी ने मुकदमों के निपटारे के बाद ही पद छोड़ने का फैसला किया। पेशेवर प्रबंधकों को लाया गया कंपनी का नेतृत्व पारिवारिक विवादों से मुक्त होकर पूरी तरह व्यावसायिक दृष्टिकोण से चल सके। इस कदम का मुख्य उद्देश्य शेयरहोल्डर वैल्यू को अधिकतम करना और कंपनी की कार्यप्रणाली को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाना है। विश्लेषकों का मानना है कि वाडीलाल द्वारा मैनेजमेंट को प्रोफेशनलाइज करने का निर्णय कंपनी को लंबे समय में मजबूती देगा और इसकी बाजार स्थिति को और मजबूत करेगा।