Manisha Dhanwani
11 Dec 2025
नई दिल्ली। देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी. अनंत नागेश्वरन ने स्पष्ट किया है कि भारत और अमेरिका के बीच अधिकतर व्यापारिक मुद्दे लगभग हल हो चुके हैं। कुछ ही समय में यह समझौता आकार ले लेगा। उन्होंने कहा मार्च 2026 तक समझौता तय होना लगभग तय है। उन्होंने स्वीकार किया कि पहले उम्मीद थी कि समझौता 2025 के अंत तक हो जाएगा, लेकिन भू-राजनीतिक कारणों जैसे अमेरिका-चीन तनाव, वैश्विक चुनावी वातावरण और भारत-अमेरिकी रणनीतिक प्राथमिकताओं की वजह से इसमें देरी हुई है।
नागेश्वरन ने कहा इस दबाव के बीच नए दौर में भारत की ताकत भी देखने को मिली है। यह बात कम महत्वपूर्ण नहीं है कि अमेरिकी टैरिफ के दबाव के बावजूद भारतीय निर्यातक नए बाजार खोजकर, इसके प्रभाव को संभालने में सक्षम रहे हैं। यह भारत की निर्यात क्षमता, विविधीकरण और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती का स्पष्ट संकेत है। नागेश्वरन ने कहा FY27 में भारत की आर्थिक गति सकारात्मक रहने वाली है और भारत का जीडीपी प्रदर्शन पिछले अनुमान से बेहतर निकल सकता है, जैसा पिछले वर्षों में देखा गया।
देश की विकास दर, नीति-निर्माण, घरेलू मांग और निवेश चक्र की वजह से मजबूत आधार पर खड़ी है। रुपए की कीमत को लेकर उन्होंने एक महत्वपूर्ण बात कही कि मौजूदा समय में रुपए का कमजोर होना (अपने व्यापारिक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में 5% तक) भारत के निर्यातकों के लिए लाभकारी है। कमजोर मुद्रा आयात को महंगा बना देती है, पर अनिश्चित वैश्विक माहौल में यह निर्यात को बढ़ावा भी देती है, क्योंकि भारतीय सामान विदेशों में सस्ते पड़ते हैं। इसलिए सरकार इसे चिंता का विषय नहीं मान रही है।