Aniruddh Singh
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मुंबई। अडाणी समूह भारत के हॉस्पिटैलिटी (होटल और आतिथ्य) क्षेत्र में एक बड़ी और महत्वाकांक्षी छलांग लगाने की तैयारी में है। यह कदम सिर्फ नए होटल बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि समूह की समग्र व्यावसायिक रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह अपने हवाईअड्डा और रियल एस्टेट कारोबार से अधिकतम मूल्य निकालना चाहता है। रिपोर्ट के अनुसार, अडानी समूह देशभर में 60 से अधिक होटलों का विकास करने की योजना बना रहा है, जो इसे भारत के सबसे बड़े होटल पोर्टफोलियो वाले समूहों में शामिल कर सकता है। इस रणनीति का केंद्र नवी मुंबई है। यहां अडाणी समूह एक नया अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा विकसित कर रहा है। उसके आसपास बड़े पैमाने पर रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स भी चल रहे हैं। नवी मुंबई में ही लगभग 15 होटलों की योजना बनाई गई है। यह आंकड़ा अपने आप में बताता है कि समूह को भविष्य में इस क्षेत्र में बिजनेस ट्रैवल, बड़े आयोजनों, सम्मेलनों और पर्यटन से जुड़ी मांग के तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।
अडाणी समूह का यह कदम पारंपरिक टाटा समूह की ताज, आईटीसी होटल्स और ओबेरॉय जैसी स्थापित चेन के लिए सीधी चुनौती माना जा रहा है। हालांकि, अडाणी समूह खुद होटल संचालन में उतरने के बजाय अलग रास्ता अपनाएगा। समूह की योजना है कि होटल की इमारतें और संपत्तियां वह खुद विकसित करेगा, लेकिन उनका संचालन अंतरराष्ट्रीय होटल ब्रांड्स को सौंपा जाएगा। इससे अडाणी समूह को होटल मैनेजमेंट की बारीकियों में सीधे उलझने की जरूरत नहीं पड़ेगी और उसे वैश्विक ब्रांड्स की पहचान, ग्राहक नेटवर्क और लॉयल्टी प्रोग्राम्स का फायदा मिलेगा। यह हॉस्पिटैलिटी विस्तार अकेला फैसला नहीं है, बल्कि अडाणी द्वारा संचालित हवाईअड्डों को मल्टी-यूज अर्बन हब में बदलने की व्यापक योजना का हिस्सा है।
इसका मतलब यह है कि हवाईअड्डे सिर्फ उड़ानों के आने-जाने की जगह नहीं रहेंगे, बल्कि उनके आसपास शॉपिंग एरिया, रेस्टोरेंट्स, फूड कोर्ट, कन्वेंशन सेंटर, एंटरटेनमेंट जोन और बड़े होटल विकसित किए जाएंगे। इससे हवाईअड्डों की आमदनी केवल एयरलाइंस द्वारा दिए जाने वाले लैंडिंग और पार्किंग शुल्क पर निर्भर नहीं रहेगी, बल्कि गैर-एविएशन रेवेन्यू के नए और स्थायी स्रोत तैयार होंगे। कुल मिलाकर, अडाणी समूह की यह योजना दिखाती है कि वह इंफ्रास्ट्रक्चर को केवल एक सुविधा नहीं, बल्कि एक बड़े बिजनेस इकोसिस्टम के रूप में देखता है। हवाईअड्डों के साथ होटल, रियल एस्टेट और कमर्शियल गतिविधियों को जोड़कर समूह लंबी अवधि में स्थिर और विविध आय के स्रोत बनाना चाहता है। अगर यह रणनीति सफल होती है, तो आने वाले वर्षों में भारत के हॉस्पिटैलिटी और शहरी विकास के नक्शे में अडाणी समूह की भूमिका काफी निर्णायक हो सकती है।