Aniruddh Singh
9 Sep 2025
Aniruddh Singh
8 Sep 2025
कापोर्रेट ब्यूरो
भोपाल। सराफा बाजार में सोने की कीमतों ने नया इतिहास रच दिया है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने का भाव पहली बार 1,10,047 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया है। यह अब तक का सबसे उच्च स्तर है। दिसंबर डिलीवरी वाले गोल्ड फ्यूचर्स में 458 रुपए यानी 0.41 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है, जबकि अक्टूबर डिलीवरी वाले सबसे ज्यादा ट्रेड होने वाले गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट्स 482 रुपए यानी 0.44 प्रतिशत बढ़कर 1,09,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के नए शिखर पर पहुंच गए हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी स्थिति कुछ ऐसी ही रही और न्यूयॉर्क स्थित कॉमेक्स मार्केट में दिसंबर डिलीवरी वाले सोने का भाव 3,694.75 यूएस डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
इस बढ़ोतरी के पीछे कई कारण हैं। सबसे पहला कारण है अमेरिकी डॉलर की कमजोरी। हाल ही में अमेरिका से आई लेबर मार्केट की कमजोर रिपोर्ट ने बाजार को यह संकेत दिया कि फेडरल रिजर्व इस साल के अंत तक ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। बीते शुक्रवार को जारी अमेरिकी रोजगार के आंकड़े निराशाजनक रहे हैं, जिसके बाद निवेशकों ने यह अनुमान लगाना शुरू कर दिया है कि साल 2025 में फेडरल रिजर्व तीन बार ब्याज दरें घटा सकता है। यहां तक कि अगले हफ्ते होने वाली फेड की बैठक में 25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद जताई जा रही है। ब्याज दरों में कटौती से डॉलर हमेशा ही कमजोर होता है और सोने की मांग बढ़ती है, क्योंकि निवेशक सोने को सुरक्षित निवेश विकल्प मानते हैं। यही वजह है कि दुनिया भर में सोने की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं और भारतीय बाजार भी इस लहर का हिस्सा बना है।
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भारत जैसे देशों में सोना न सिर्फ एक निवेश है बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। शादी-ब्याह से लेकर त्योहारों तक सोने की मांग बनी रहती है। कीमतों में यह उछाल निश्चित रूप से उपभोक्ताओं और आभूषण उद्योग दोनों के लिए चुनौती लेकर आया है। जहां निवेशकों को सोने की तेजी से फायदा हो रहा है, वहीं आम उपभोक्ता के लिए सोने के गहने खरीदना और महंगा हो गया है। एमसीएक्स पर जिस तेजी का असर दिखा, वह पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय बाजार की दिशा से जुड़ा हुआ है। निवेशकों का रुझान इक्विटी और अन्य अस्थिर परिसंपत्तियों से हटकर अब सुरक्षित माने जाने वाले सोने की ओर बढ़ रहा है। जब भी आर्थिक अस्थिरता होती है या भविष्य को लेकर अनिश्चितता रहती है, सोना हमेशा सुरक्षित आश्रय की तरह काम करता है। इस समय अमेरिका की अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार और फेडरल रिजर्व की संभावित नीति बदलाव ने सोने की चमक को और बढ़ा दिया है।
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सराफा महासंघ भोपाल के महामंत्री और श्रीधर ज्वैलर्स के नवनीत कुमार अग्रवाल ने कहा कि इस स्थिति का एक और पहलू यह है कि अगर सोने की कीमतें इसी तरह रोज नई ऊंचाइयों पर जाती रहीं, तो निवेशकों का पोर्टफोलियो संतुलन बदल सकता है। जिन लोगों ने पहले से सोने में निवेश किया हुआ है, उन्हें शानदार लाभ हो सकता है, जबकि जो नए निवेशक तेजी के इस दौर में खरीदारी करेंगे उन्हें ऊंचे दाम चुकाने होंगे और उनके लिए जोखिम बढ़ जाएगा। यदि भविष्य में कीमतों में थोड़ी भी गिरावट हुई तो उन्हें नुकसान हो सकता है। कुल मिलाकर, 1,10,047 रुपए प्रति 10 ग्राम का स्तर यह दिखाता है कि मौजूदा समय में वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और अमेरिकी मौद्रिक नीति की संभावनाओं ने सोने को फिर से सबसे भरोसेमंद निवेश बना दिया है। आने वाले महीनों में फेडरल रिजर्व की नीतियों, अमेरिकी डॉलर की चाल और वैश्विक आर्थिक संकेतकों पर निर्भर करेगा कि यह तेजी कितनी लंबी चलती है।