Aniruddh Singh
4 Nov 2025
मुंबई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के लिए शानदार नतीजे पेश किए हैं। बैंक का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 10% बढ़कर ₹20,160 करोड़ रुपए पर पहुंच गया, जो पिछले साल की समान तिमाही में ₹18,331 करोड़ था। यह वृद्धि बाजार की उम्मीदों से कहीं बेहतर रही, क्योंकि ब्रोकरेज फर्मों ने बैंक के मुनाफे में 17% तक गिरावट की आशंका जताई थी। बैंक की ब्याज से होने वाली आय में वृद्धि इसका मुख्य कारण रही। इस तिमाही में ब्याज से आय ₹1,19,654 करोड़ रही, जो पिछले साल की तुलना में 5% अधिक है। ब्याज खर्च भी बढ़कर ₹76,670 करोड़ हुआ, लेकिन बैंक ने अपने कोर बिजनेस में मजबूती दिखाई। नेट इंटरेस्ट इनकम (एनआईआई) 3.3% बढ़कर ₹42,984 करोड़ रही, जो तिमाही-दर-तिमाही आधार पर भी 4.7% की वृद्धि है।
एसबीआई का नेट इंटरेस्ट मार्जिन (एनआईएम) दूसरी तिमाही में 2.97% रहा, जबकि घरेलू कारोबार के लिए यह 3.09% दर्ज किया गया। बैंक का परिचालन लाभ साल-दर-साल 8.9% बढ़कर ₹31,904 करोड़ तक पहुंच गया। बैंक की बैलेंस शीट में भी स्थिर वृद्धि देखी गई। कुल ऋण वितरण में 12.7% की वृद्धि हुई, जिसमें घरेलू ऋण 12.3% बढ़े। खुदरा क्षेत्र में 15.1% की बढ़ोतरी हुई, जिसमें लघु उद्योगों (एसएमई) को दिए गए ऋण 18.8%, कृषि ऋण 14.2% और व्यक्तिगत ऋण 14.1% बढ़े। कॉरपोरेट ऋण में 7.1% और विदेशी शाखाओं से ऋण में 15% की बढ़ोतरी दर्ज हुई। बैंक की जमा राशि में भी 9.3% की वृद्धि हुई, जबकि चालू और बचत खातों (सीएएसए) की जमा राशि 8.1% बढ़ी। सितंबर 2025 तक बैंक का सीएएसए अनुपात 39.63% रहा।
संपत्ति गुणवत्ता के लिहाज से एसबीआई का प्रदर्शन और बेहतर हुआ है। सकल एनपीए अनुपात 1.73% तक घट गया, जो पिछले साल की तुलना में 40 बेसिस पॉइंट कम है। नेट एनपीए भी घटकर 0.42% रह गया। प्रावधान कवरेज अनुपात (पीसीआर) 75.79% तक बढ़ गया। बैंक का क्रेडिट कॉस्ट सिर्फ 0.39% रहा, जो जोखिम प्रबंधन की मजबूती दर्शाता है। पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) 14.62% पर बना रहा, जिससे बैंक की वित्तीय स्थिति मजबूत मानी जा रही है। इसके अलावा, डिजिटल क्षेत्र में भी एसबीआई ने उल्लेखनीय प्रगति की है। इस तिमाही में 64% से अधिक बचत खाते योनो प्लेटफॉर्म के माध्यम से खोले गए। कुल लेनदेन में वैकल्पिक चैनलों की हिस्सेदारी 98.6% तक पहुंच गई है। कुल मिलाकर, एसबीआई के इस तिमाही के परिणाम बैंक के स्थायी विकास, डिजिटल परिवर्तन और मजबूत जोखिम प्रबंधन की दिशा में निरंतर प्रगति को दर्शाते हैं।