Aniruddh Singh
7 Oct 2025
नई दिल्ली। दूर-संचार सेवा प्रदाता कंपनी वोडाफोन आइडिया (वीआई) वर्तमान में भारी कर्ज के बोझ से दबी है। कंपनी पूंजीगत व्यय जारी रखने के लिए नए फंडिंग विकल्पों की तलाश कर रही है। कंपनी के सीईओ अक्षय मूंदड़ा ने जून 2025 तिमाही के नतीजों के बाद आयोजित अर्निंग कॉल में बताया बैंक अभी एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) से जुड़े मुद्दों पर स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं, जिसके कारण बैंक से मिलने वाले ऋण में देरी हो रही है। ऐसे में कंपनी ने फैसला किया है कि वह गैर-बैंकिंग स्रोतों से फंड जुटाने का प्रयास करेगी, ताकि उसका कैपेक्स चक्र बाधित न हो। हालांकि, कंपनी द्वारा पहले घोषित 25,000 करोड़ रुपए की पूरी राशि गैर-बैंकिंग चैनलों से जुटाने की योजना नहीं है, बल्कि इतनी पूंजी लाई जाएगी जिससे निवेश की प्रक्रिया जारी रहे। वोडाफोन आइडिया ने जून 2025 तिमाही में घाटा और बढ़ने की सूचना दी है, लेकिन साथ ही कंपनी की आय और औसत प्रति उपभोक्ता राजस्व (एआरपीयू) में वृद्धि हुई है।
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अक्षय मूंदड़ा ने कहा कंपनी अभी भी बैंकों से बातचीत कर रही है, लेकिन बैंक एजीआर के मामले में सरकारी रुख स्पष्ट होने के बाद ही बड़ा कदम उठाना चाह रहे हैं। गौरतलब है कि सरकार ने पहले ही वोडाफोन आइडिया में अपनी देनदारियों को इक्विटी में बदल दिया है और वर्तमान में कंपनी में लगभग 49 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती है। इससे सरकार कंपनी की सबसे बड़ी हिस्सेदार बन चुकी है। कंपनी का कुल बकाया शुद्ध कर्ज दो लाख करोड़ रुपए से अधिक है। केवल एजीआर से जुड़ा दायित्व ही जून 2025 तक लगभग 75,000 करोड़ रुपए का है। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार विभाग (डीओटी) के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कंपनियों को पूरा बकाया चुकाने का आदेश दिया था। तब से वोडाफोन आइडिया लगातार इस बोझ से उबरने के लिए सरकारी मदद पर निर्भर रही है।
अक्षय मूंदड़ा ने कहा कि अतीत में भी सरकार ने कई मौकों पर कंपनी को राहत दी है, जैसे 2019 में स्पेक्ट्रम किस्तों को टालना, 2021 में सुधार पैकेज, 2023 में सरकारी देनदारियों को इक्विटी में बदलना और 2025 में भी इसी तरह का कदम उठाना। अक्षय मूंद्रा ने कहा उन्हें भरोसा है कि इस बार भी सरकार सहयोग करेगी और एजीआर विवाद का समाधान निकालने में मदद करेगी। उनका कार्यकाल 18 अगस्त को समाप्त हो रहा है और उनकी जगह 19 अगस्त से कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर अभिजीत किशोर नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) का पद संभालेंगे। कुल मिलाकर, वोडाफोन आइडिया की मौजूदा स्थिति यह दशार्ती है कि कंपनी भारी ऋण और कानूनी चुनौतियों के बीच फंसी है, लेकिन वह कैपेक्स के जरिए अपने नेटवर्क और सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है। कंपनी का विश्वास है कि सरकारी सहयोग और वैकल्पिक फंडिंग स्रोतों के जरिए वह अपने व्यापार को स्थिर कर पाएगी और निवेशकों को भरोसा दिला सकेगी।
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