Aakash Waghmare
22 Nov 2025
नई दिल्ली। अमेरिका और ब्राजील के बीच व्यापारिक और राजनीतिक टकराव एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ब्राजील पर 50% टैरिफ लगाने के बाद अब ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने साफ कर दिया है कि वह ट्रंप से बात करने में दिलचस्पी नहीं रखते। इसके बजाय उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से चर्चा करने की इच्छा जताई है।
ट्रंप ने मंगलवार को एक बयान में कहा था कि लूला जब चाहें, मुझसे बात कर सकते हैं। इस पर लूला ने दो टूक कहा कि वह टैरिफ जैसे गंभीर मसले पर ट्रंप से बात नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वे मोदी और जिनपिंग जैसे नेताओं के साथ मिलकर समाधान खोजने को प्राथमिकता देंगे।
हालांकि लूला ने यह भी जोड़ा कि भले ही वे ट्रंप से बातचीत न करें, लेकिन नवंबर में आयोजित होने वाले COP-30 क्लाइमेट समिट में उन्हें आमंत्रण जरूर भेजा जाएगा।
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ट्रंप प्रशासन द्वारा 1 अगस्त से ब्राजील के सभी उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाने की घोषणा ने दोनों देशों के रिश्तों को झटका दिया है। ट्रंप का आरोप है कि ब्राजील सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के खिलाफ बदले की कार्रवाई की है, इसलिए यह कदम उठाया गया है।
ब्राजील सरकार इस फैसले को अनुचित बताते हुए विश्व व्यापार संगठन (WTO) में इसकी शिकायत दर्ज कराने की तैयारी कर रही है।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा कि ब्राजील में फ्री और फेयर इलेक्शन पर हमला हो रहा है और बोल्सोनारो के साथ हो रहा व्यवहार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मनाक है। उन्होंने मांग की कि बोल्सोनारो के खिलाफ सभी केस खत्म किए जाएं और उन्हें फिर से चुनाव लड़ने की अनुमति मिले।
गौरतलब है कि बोल्सोनारो पर 2022 के चुनाव परिणामों को नहीं मानने और 8 जनवरी 2023 को ब्रासीलिया में तख्तापलट की साजिश रचने का आरोप है। इसी के चलते ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें आगामी चुनावों में हिस्सा लेने से रोक दिया है।