Naresh Bhagoria
22 Nov 2025
छिंदवाड़ा। कोल्ड्रिफ कफ सीरप से 24 बच्चों की मौत के मामले में एसआईटी द्वारा की जा रही जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। शनिवार को पांड्या केमिकल के मालिक शैलेष पांड्या से हुई पूछताछ में पता चला कि दवा निर्माता कंपनी श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स तमिलनाडु ने पांड्या केमिकल से 50 किग्रा डाय-एथिलीन ग्लाइकाल (DEG) का ऑर्डर किया था। जबकि पांड्या केमिकल आमतौर पर 215 किलो के फार्मा ग्रेड पैक में सप्लाई करती है। ऑर्डर पूरा करने की जल्दबाजी में कंपनी ने फार्मा ग्रेड की जगह इंडस्ट्रियल ग्रेड का लूज डीईजी भेज दिया। इससे बने कफ सीरप में डीईजी की मात्रा 48.6 प्रतिशत पाई गई, जबकि मान्य मात्रा केवल 0.48 प्रतिशत होनी चाहिए। रसायन आपूर्ति के बाद दवा कंपनी ने भी गुणवत्ता की जांच नहीं की, जिसके चलते यह जहरीला केमिकल बच्चों की मौत का मुख्य कारण बना।
परासिया एसडीओपी जितेंद्र जाट ने पुष्टि की कि दवा निर्माण में इंडस्ट्रियल ग्रेड डीईजी के उपयोग से यह त्रासदी हुई। शैलेष पांड्या को गुरुवार को चेन्नई से गिरफ्तार कर तीन दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। एसआईटी पूरी सप्लाई चेन की जांच कर रही है और यह पता लगाया जा रहा है कि पांड्या केमिकल ने यह केमिकल कहां से खरीदा और किस-किस को बेचा। अब तक इस मामले में 10 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। एसआईटी रॉ मटेरियल सप्लाई से जुड़े दस्तावेज खंगाल रही है और पूछताछ के आधार पर जल्द ही केमिकल निर्माण करने वाली कंपनी पर भी कार्रवाई की संभावना है।