Priyanshi Soni
4 Nov 2025
वॉशिंगटन डीसी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को दो टूक संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन अब क्रीमिया पर दावा करने की उम्मीद छोड़ दे और न ही नाटो की सदस्यता पाने का सपना देखे। ट्रंप का कहना है कि, अगर राष्ट्रपति जेलेंस्की चाहें तो रूस के साथ चल रहा युद्ध तुरंत खत्म हो सकता है, लेकिन इसके लिए उन्हें कठिन फैसले लेने होंगे।
ट्रंप ने सोमवार को सोशल मीडिया पोस्ट कर लिखा कि, जेलेंस्की चाहें तो रूस के साथ चल रहा युद्ध तुरंत खत्म हो सकता है। उन्होंने याद दिलाया कि 12 साल पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के दौर में बिना गोली चले क्रीमिया रूस को सौंप दिया गया था और यूक्रेन भी नाटो में शामिल नहीं हुआ। उन्होंने आगे कहा कि कुछ चीजें कभी नहीं बदलतीं।

ट्रंप ने यह बयान 15 अगस्त को अलास्का में उनकी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तीन घंटे लंबी बैठक के बाद दिया है। दोनों नेताओं ने इस दौरान यूक्रेन युद्ध खत्म करने पर चर्चा की। हालांकि, किसी अंतिम समझौते की घोषणा नहीं हुई। ट्रंप ने मीटिंग को "सकारात्मक" बताया और पुतिन ने कहा कि रूस की सुरक्षा उनके लिए सर्वोच्च है।
ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने दावा किया कि रूस अब इस बात पर सहमत है कि यूक्रेन को नाटो जैसी सुरक्षा गारंटी दी जा सकती है। प्रस्तावित डील के तहत अमेरिका और यूरोपीय देश यूक्रेन की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाएंगे। यानी यदि किसी ने यूक्रेन पर हमला किया तो इसे सभी पर हमला माना जाएगा। यह नाटो के अनुच्छेद-5 जैसी व्यवस्था होगी।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने अमेरिका की इस पहल को ऐतिहासिक बताया। हालांकि उन्होंने कहा कि सुरक्षा गारंटी सिर्फ कागजों पर नहीं, बल्कि व्यवहार में भी लागू होनी चाहिए। जेलेंस्की ने याद दिलाया कि 1994 में भी यूक्रेन को सुरक्षा का भरोसा दिया गया था, लेकिन रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया और अंतरराष्ट्रीय समझौते बेअसर साबित हुए।
आज यानी 18 अगस्त को व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रंप और जेलेंस्की की आमने-सामने मुलाकात होगी। इस बैठक में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी और यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन समेत कई शीर्ष नेता मौजूद रहेंगे। यह बैठक भारतीय समय के अनुसार रात 9.30 बजे से शुरू होगी।
वर्तमान में रूस ने यूक्रेन के लगभग 20% हिस्से पर कब्जा कर रखा है, जिसमें क्रीमिया, डोनेट्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जापोरिजिया शामिल हैं। रूस का कहना है कि ये क्षेत्र उसकी ऐतिहासिक धरोहर हैं और इन्हें छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता। दूसरी ओर जेलेंस्की का कहना है कि यूक्रेन की एक इंच जमीन भी रूस को नहीं दी जाएगी।
यूरोपीय देशों को डर है कि ट्रंप, जेलेंस्की पर अपने शर्तों के अनुसार समझौता करने का दबाव बना सकते हैं। खासतौर पर तब जब अलास्का शिखर सम्मेलन में जेलेंस्की को शामिल ही नहीं किया गया था।
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