Naresh Bhagoria
20 Dec 2025
Naresh Bhagoria
20 Dec 2025
Naresh Bhagoria
20 Dec 2025
राजीव कटारे, ग्वालियर। आधुनिकता के दौर में मोबाइल की लत से युवा और बच्चे संस्कारों से दूर होते जा रहे हैं। छोटी-छोटी बात पर माता-पिता से झगड़ना, जिद में घर छोड़ने जैसी बुराइयां पनप रही हैं। ऐसे में शहर के युवा अंकित शर्मा रामायण प्रतियोगिता के जरिए बच्चों में संस्कार के बीज डाल रहे हैं, ताकि आगे चलकर वह संस्कारवान बन सकें। अंकित शर्मा ने आने वाली पीढ़ी को रामायण के प्रसंगों के माध्यम से संस्कारवान बनाने का संकल्प लिया था। इसके लिए वह जनवरी में रामायण पर आधारित प्रतियोगिता का आयोजन करते हैं। इसमें बच्चों से रामायण से संबंधित वाल पूछे जाते हैं।
रामायण प्रतियोगिता के विजेताओं और इसमें भाग लेने वाले बच्चों को उपहार में रामचरित मानस दी जाती है। साथ ही उनसे सकंल्प लिया जाता है कि वह इस ग्रंथ को पढ़कर उसे अपने जीवन में अपनाएंगे। अंकित शर्मा के अनुसार, पिछले दो साल में एक हजार से अधिक बच्चे इन आयोजनों में शामिल हो चुके हैं।
अंकित शर्मा कम्पू स्थित टकसाल स्कूल परिसर एवं गोल पहाड़िया स्थित एक सामुदायिक भवन में नि:शुल्क लाइब्रेरी भी संचालित करते हैं। इनमें 3000 पुस्तके हैं। इनमें धार्मिक पुस्तकों के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं सहित अन्य किताबें भी हैं। ये पुस्तकें दान से जुटाई गई हैं।
मैंने 2024 में रामायण प्रतियोगिता में भाग लिया था। इसमें मैंने पहला स्थान हासिल किया था। धर्म से बच्चों को जोड़ने के यह बहुत अच्छा प्रयास है। हर स्कूली बच्चे को ऐसे आयोजनों में भाग लेना चाहिए। नेहा बघेल, प्रतिभागी
मेरे बच्चा जो कि कक्षा चार में पढ़ता हैं उसने गत वर्ष 12 जनवरी 2025 को आयोजित हुई रामायण प्रतियोगिता में भाग लिया, प्रतियोगिता में भाग लेने के उसके न केवल उसके व्यवहार में बदलावा आया है बल्कि वह सुबह उठकर सभी प्रणाम करना भी सीख गया है जबकि पहले मोबाइल को लेकर ही जिंद करता रहता था।
राहुल शर्मा, अभिभावक
बच्चों में बचपन से जैसे संस्कार डाले जाते हैं वह आगे चलकर वैसे ही बनते हैं, इसलिए मैंने आयोध्या में राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही प्रण लिया है कि हर साल रामायण प्रतियोगिता आयोजित करूंगा, इसमें मेरे साथी भी मेरी मदद करते हैं।
अंकित शर्मा, समाजसेवी