Shivani Gupta
7 Oct 2025
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से मुलाकात के दौरान कहा कि यूक्रेन युद्ध के लिए शांति समझौता संभव है। उन्होंने जोर दिया कि सभी पक्ष तत्काल युद्धविराम के लिए राजी हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने बताया रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को दी जाने वाली सुरक्षा गारंटी को मानने पर सहमत हो गए हैं। इसे इस मसले में एक बड़ा मोड़ माना जा रहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने जेलेंस्की और यूरोपीय देशों के नेताओं के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा यूरोपीय देश यूक्रेन की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं और अमेरिका इस प्रक्रिया में अपना सहयोग देगा।
हालांकि उन्होंने अमेरिकी सैनिक भेजने पर फिलहाल कोई स्पष्ट वादा नहीं किया, लेकिन यह संकेत दिया कि नाटो जैसी सुरक्षा व्यवस्था बनाई जा सकती है। ट्रंप ने यह भी कहा कि यूरोप इस जिम्मेदारी का बड़ा हिस्सा वहन करेगा, जबकि अमेरिका उनकी मदद और समर्थन करेगा ताकि यूक्रेन सुरक्षित रहे। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब हाल ही में रूस ने यूक्रेन के पूर्वी डोनबास क्षेत्र में महत्वपूर्ण सैन्य बढ़त हासिल की है। रूसी सेना ने यूक्रेन की रक्षा पंक्तियों को तोड़ते हुए लगभग 10 मील तक आगे बढ़त बनाई है। इसने यूक्रेन के मोर्चों को बाहर से घेरने का खतरा पैदा कर दिया है।
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हालांकि, इस प्रगति के लिए रूस को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। स्वतंत्र मीडिया संगठनों के अनुमानों के मुताबिक युद्ध की शुरुआत से अब तक लगभग 2.3 लाख रूसी सैनिक मारे जा चुके हैं, जबकि यूक्रेन का नुकसान इस संख्या का आधा बताया जा रहा है। फिर भी रूस ने अपनी विशाल जनसंख्या के सहारे अपनी सेना दोबारा खड़ी कर ली है, जबकि यूक्रेन को सैनिकों की कमी से जूझना पड़ रहा है। व्हाइट हाउस में हुई इस बैठक का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह था कि यूरोपीय नेताओं ने इस बार अमेरिका से स्पष्ट सुरक्षा गारंटी की मांग की। शुक्रवार को पुतिन के साथ हुई शिखर वार्ता में यूरोपीय देशों को शामिल नहीं किया गया था, जिससे वे नाराज थे।
उन्होंने ट्रंप के सामने यह स्पष्ट कर दिया कि रूस की बढ़ती आक्रामकता न केवल यूक्रेन बल्कि पूरे यूरोप के लिए खतरा है। इसीलिए वे चाहते हैं कि यूक्रेन को सुरक्षा कवच प्रदान किया जाए ताकि रूस भविष्य में और विस्तारवादी नीतियों को लागू न कर सके। ट्रंप ने इन चिंताओं को स्वीकार किया और कहा कि पुतिन द्वारा सुरक्षा गारंटियों पर सहमति देना एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि अब चर्चा इस बात पर केंद्रित होगी कि किस देश की क्या भूमिका होगी और कौन कितना योगदान देगा। ट्रंप का मानना है कि यह समझौता जल्दी होना ज़रूरी है क्योंकि हर दिन बढ़ती लड़ाई मानव और आर्थिक दोनों ही दृष्टियों से भारी पड़ रही है।
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जेलेंस्की ने भी उम्मीद जताई कि इस बातचीत से एक त्रिपक्षीय बैठक का रास्ता खुलेगा जिसमें रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी शामिल होंगे। यदि ऐसा हुआ तो यह यूक्रेन युद्ध समाप्त करने की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम होगा। यूरोपीय देशों ने भी जोर दिया कि किसी भी आगामी बैठक का आधार युद्धविराम होना चाहिए, क्योंकि बिना संघर्ष विराम के कोई भी बातचीत व्यावहारिक परिणाम नहीं दे सकती। इस पूरी प्रक्रिया का राजनीतिक महत्व भी गहरा है। ट्रंप इसे अपनी कूटनीतिक सफलता के रूप में पेश करना चाहते हैं, जबकि यूरोप यह सुनिश्चित करना चाहता है कि वह इस शांति प्रयास में केवल दर्शक न रहे, बल्कि सक्रिय भूमिका निभाए। रूस की आक्रामकता ने यूरोप को यह एहसास दिलाया है कि यदि यूक्रेन हारता है तो अगला निशाना यूरोप भी हो सकता है। कुल मिलाकर, यह घटनाक्रम अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नए समीकरण बनाता दिख रहा है। एक ओर पुतिन ने पहली बार यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी मानकर लचीलापन दिखाया है, वहीं दूसरी ओर ट्रंप और यूरोपीय नेता इस अवसर को शांति समझौते में बदलने की कोशिश कर रहे हैं। अब यह देखना होगा कि क्या युद्धविराम पर सहमति बनती है और क्या आने वाली त्रिपक्षीय बैठक रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में ठोस परिणाम ला पाती है। फिलहाल इतना तय है कि दुनिया की निगाहें इस वार्ता पर टिकी हुई हैं और सभी चाहते हैं कि यह खूनी संघर्ष जल्द से जल्द खत्म हो।