Aniruddh Singh
23 Sep 2025
सिंगापुर। कच्चे तेल की कीमतें मंगलवार को लगातार पांचवें दिन नीचे रहीं। इसका कारण यह है कि इराक की संघीय सरकार और कुर्द क्षेत्रीय सरकार के बीच तेल पाइपलाइन को फिर से शुरू करने के लिए प्रारंभिक समझौता हुआ है। इससे बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति बढ़ने की आशंका ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। ब्रेंट क्रूड 42 सेंट या 0.63% गिरकर प्रति बैरल 66.15 डॉलर पर आ गया, जबकि अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 36 सेंट या 0.58% घटकर 61.92 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। पिछले 5 कारोबारी सत्रों में दोनों अनुबंधों में लगभग 4% की गिरावट देखने को मिली है। विशेषज्ञों का कहना है कि अभी बाजार का मुख्य विषय आपूर्ति अधिक और मांग अनिश्चित है। साल के अंत तक खपत की स्थिति को लेकर अभी भी संदेह बना हुआ है। इराक के कुर्दिस्तान क्षेत्र से तेल पाइपलाइन दोबारा चालू होने की खबर ने कीमतों पर अतिरिक्त दबाव डाल दिया है।
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दो तेल अधिकारियों ने बताया सोमवार को इराक की संघीय सरकार और कुर्दिश क्षेत्रीय प्रशासन ने तेल कंपनियों के साथ समझौता किया है, जिसके तहत तुर्की के रास्ते कच्चे तेल का निर्यात फिर से शुरू होगा। इससे लगभग 2.3 लाख बैरल प्रतिदिन निर्यात बहाल हो जाएगा, जो मार्च 2023 से बंद था। वैश्विक स्तर पर तेल बाजार पहले से ही ज्यादा आपूर्ति और घटती मांग की चुनौतियों से जूझ रहा है। इलेक्ट्रिक वाहनों का तेजी से बढ़ना और वैश्विक आर्थिक संकट, जिसे टैरिफ और व्यापारिक तनाव ने और बिगाड़ा है, तेल की खपत को कम कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इस साल विश्व तेल आपूर्ति और तेजी से बढ़ेगी और 2026 तक यह अधिशेष और ज्यादा हो सकता है, क्योंकि ओपेक प्लस देश उत्पादन बढ़ा रहे हैं और समूह के बाहर से भी आपूर्ति में वृद्धि हो रही है।
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हालांकि, बाजार में जोखिम भी बरकरार हैं। निवेशक यूरोपीय संघ द्वारा रूसी तेल निर्यात पर कड़े प्रतिबंध लगाने की संभावना पर नजर रख रहे हैं। साथ ही मध्य-पूर्व में किसी भी भू-राजनीतिक तनाव के बढ़ने का असर भी कीमतों पर हो सकता है। इस बीच, अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार पिछले हफ्ते बढ़ने की उम्मीद जताई गई है, जबकि पेट्रोल और डीजल जैसे अन्य ईंधनों का भंडार घट सकता है। यह आकलन एक प्रमुख न्यूज एजेंसी के प्रारंभिक सर्वे में सामने आया है। दूसरी ओर, जॉइंट ऑर्गेनाइजेशंस डेटा इनिशिएटिव (जेओडीआई) ने सोमवार को जारी आंकड़ों में बताया कि सऊदी अरब का जुलाई में कच्चे तेल का निर्यात चार माह के निचले स्तर पर पहुंच गया। ओपेक के दूसरे सबसे बड़ा उत्पादक इराक ने ओपेक प्लस समझौते के तहत अपने तेल निर्यात में वृद्धि की है। इराक की सरकारी तेल कंपनी एसओएमओ ने यह जानकारी दी।