एप्पल ने भारत में की रिकॉर्ड 9 अरब डॉलर की वार्षिक बिक्री, नए आउटलेट्स खोलने से 13% बढ़ी सेल
नई दिल्ली। अमेरिकी टेक्नोलॉजी दिग्गज एप्पल ने भारत में अपनी अब तक की सबसे बड़ी वार्षिक बिक्री दर्ज की है। बीते वित्त वर्ष में एप्पल ने भारत से लगभग 9 अरब डॉलर (करीब 75,000 करोड़ रुपए) की बिक्री दर्ज की है। एप्पल के राजस्व में पिछले साल के 8 अरब डॉलर की तुलना में लगभग 13% की वृद्धि देखने को मिली है। यह उपलब्धि ऐसे समय आई है, जब वैश्विक स्तर पर एप्पल की बिक्री लगभग स्थिर हो चुकी है और चीन जैसे बड़े बाजारों में उसे कड़ी प्रतिस्पर्धा और राजनीतिक अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ रहा है। भारत में एप्पल की सफलता का सबसे बड़ा कारण आईफोन और मैकबुक की बढ़ती मांग है। भारतीय उपभोक्ता, विशेष रूप से मिडिल क्लास और युवा पेशेवर, आईफोन को स्टेटस सिंबल मानते हैं। यही वजह है कि भारत के स्मार्टफोन बाजार में आईफोन की हिस्सेदारी लगभग 7% तक पहुंच चुकी है। भले ही यह हिस्सा छोटा लगे, लेकिन भारत जैसे विशाल देश में यह संख्या काफी महत्वपूर्ण है और इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
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एप्पल भारत में खुदरा बिक्री बढ़ाने पर दे रहा जोर
एप्पल ने भारत में अपनी खुदरा बिक्री बढ़ाने पर जोर दिया है। साल 2020 में कंपनी ने भारत में अपना ऑनलाइन स्टोर लॉन्च किया और 2023 में मुंबई और दिल्ली में अपने पहले आधिकारिक स्टोर खोले। हाल ही में बैंगलोर और पुणे में दो और स्टोर शुरू किए गए हैं, और आने वाले महीनों में नोएडा और मुंबई में नए स्टोर खोलने की योजना है। इन प्रयासों से उपभोक्ताओं को सीधे एप्पल का अनुभव मिलता है, जो बिक्री को और आगे बढ़ा रहा है। भारत में एप्पल के सामने सबसे बड़ी चुनौती यहां लगने वाले ऊंचे कर और आयात शुल्क हैं। यही कारण है कि भारत में आईफोन 16 की शुरुआती कीमत 79,900 रुपए है, जबकि अमेरिका में यह 799 डॉलर (करीब 66,000 रुपए) में मिलता है। इस अंतर को कम करने के लिए एप्पल ने कई रणनीतियां अपनाई हैं – जैसे छात्रों को विशेष छूट, पुराने आईफोन के बदले नए पर डिस्काउंट और बैंकों के साथ मिलकर क्रेडिट कार्ड कैशबैक ऑफर। इन पहलों ने भारतीय उपभोक्ताओं को आकर्षित करने में अहम भूमिका निभाई है।
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एप्पल की वैश्विक रणनीति का केंद्र बना भारत
भारत में बिक्री में यह वृद्धि सिर्फ रिटेल नेटवर्क तक सीमित नहीं है, बल्कि उत्पादन रणनीति से भी जुड़ी है। एप्पल ने चीन पर निर्भरता घटाने के लिए भारत में आईफोन उत्पादन तेज़ी से बढ़ाया है। वर्तमान में हर 5 में से एक आईफोन भारत में बन रहा है और आने वाले सालों में यह अनुपात और बढ़ सकता है। कंपनी ने भारत में 5 बड़े कारखाने स्थापित किए हैं और इनमें से कुछ हाल ही में शुरू हुए हैं। भविष्य में भारत से अमेरिका और अन्य देशों के लिए आईफोन की सप्लाई और बढ़ाई जाएगी। वैश्विक स्तर पर चीन एप्पल का सबसे बड़ा विदेशी बाजार है, लेकिन वहां घरेलू कंपनियां जैसे शाओमी और हुवावेई उससे बाजार हिस्सा छीन रही हैं। साथ ही, अमेरिका-चीन के बीच राजनीतिक तनाव ने एप्पल की स्थिति को और कठिन बना दिया है। ऐसे समय में भारत एप्पल के लिए एक सुरक्षित और तेजी से बढ़ता विकल्प बनकर उभरा है।