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18 Dec 2025
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18 Dec 2025
Manisha Dhanwani
18 Dec 2025
Manisha Dhanwani
18 Dec 2025
Garima Vishwakarma
18 Dec 2025
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र का शुक्रवार को आखिरी दिन है। 1 दिसंबर से शुरू हुए इस सत्र में वंदे मातरम्, चुनाव सुधार (SIR) और सबसे ज्यादा विवादित VB-G Ram G Bill पर तीखी बहस देखने को मिली। सत्र के अंतिम दौर में VB-G Ram G Bill के दोनों सदनों से पारित होने के बाद राजनीति संसद से बाहर आकर सड़कों तक पहुंच गई। VB-G Ram G Bill को लेकर सरकार और विपक्ष आमने-सामने दिखे और रातभर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन चला।
गुरुवार रात करीब 12.30 बजे राज्यसभा ने विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी VB-G Ram G Bill 2025 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इससे पहले यह विधेयक बुधवार को लोकसभा से 14 घंटे की चर्चा के बाद पास हुआ था। अब इस बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
राज्यसभा में चर्चा के दौरान विपक्षी दलों ने बिल को सिलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की। मांग खारिज होने पर विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। विपक्ष की गैरमौजूदगी में सरकार ने बिल को ध्वनिमत से पास करा लिया।
बिल के पारित होते ही तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद संसद परिसर में रातभर धरने पर बैठ गए। TMC नेताओं का आरोप है कि, यह कानून महात्मा गांधी का अपमान है और किसानों व गरीब मजदूरों के खिलाफ है। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान किया कि, उनकी सरकार राज्य की ग्रामीण रोजगार योजना का नाम महात्मा गांधी के नाम पर ही रखेगी।
लोकसभा में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के भाषण के दौरान विपक्षी सांसद वेल में पहुंच गए। नारेबाजी हुई और बिल की कॉपियां फाड़कर स्पीकर की कुर्सी की ओर फेंकी गईं। शिवराज सिंह ने कहा कि, मनरेगा का नाम शुरू में गांधी जी के नाम पर नहीं था, 2009 में चुनावी फायदे के लिए नाम जोड़ा गया।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में कहा कि, उन्हें विपक्ष से सकारात्मक बहस की उम्मीद थी, लेकिन केवल बेबुनियाद आरोप लगाए गए। उन्होंने दावा किया कि, यह बिल गरीबों के कल्याण और ग्रामीण विकास के लिए अहम साबित होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि देश की जनता इस कानून को कभी स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह तीन कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा, उसी तरह यह कानून भी वापस लिया जाएगा।
रणदीप सुरजेवाला (कांग्रेस): यह मजदूरों के लिए सबसे दुखद दिन है, 12 करोड़ लोगों की आजीविका पर चोट है।
इमरान प्रतापगढ़ी (कांग्रेस): यह लोकतंत्र को बुलडोज करने जैसा है।
संजय सिंह (AAP): मजदूरों-किसानों के खिलाफ कानून, भविष्य में सरकार को इसे वापस लेना पड़ेगा।
अभिषेक मनु सिंघवी (कांग्रेस): यह सरकार के अहंकार का प्रतीक है।
पी. संतोष कुमार (CPI): गरीबों पर बम गिराने जैसा बिल, सड़कों पर उतरेंगे।
यह विधेयक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) की जगह लेगा। सरकार के मुताबिक इसका उद्देश्य ‘विकसित भारत 2047’ के विजन के अनुरूप ग्रामीण विकास को नया ढांचा देना है।
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शीतकालीन सत्र के दौरान वंदे मातरम्, चुनाव सुधार, ई-सिगरेट विवाद, प्रदूषण, नारेबाजी और अब VB-G Ram G Bill पर जोरदार सियासत देखने को मिली। सत्र का समापन भले हो रहा हो, लेकिन इस बिल को लेकर राजनीतिक घमासान आगे भी जारी रहने के संकेत हैं।
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