Priyanshi Soni
6 Nov 2025
Naresh Bhagoria
6 Nov 2025
People's Reporter
5 Nov 2025
पुष्पेन्द्र सिंह, भोपाल। प्रदेश के युवाओं के लिए अब सरकारी नौकरी ही पहला और अंतिम विकल्प नहीं है, बल्कि स्टार्टअप के जरिए आत्मनिर्भर बनते हुए और लोगों को रोजगार देने के लिए कदम आगे बढ़ा रहे हैं। इसके लिए केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति 2020 के तहत इन्क्यूबेशन केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसी तारतम्य में प्रदेश के निजी और सरकारी कॉलेजों में उच्च शिक्षा की पढ़ाई कर रहे चार हजार से अधिक युवाओं ने स्टार्टअप के बारे में जाना। इनमें अब तक 400 से अधिक युवा लाभान्वित हो सके हैं।
दरसअसल, प्रदेश के कॉलेज और विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करते हुए विद्यार्थियों को स्टार्टअप की ओर ले जाने के लिए तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव (वर्तमान में मुख्यमंत्री) ने जोर दिया था। इसके बाद प्रदेश, देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हुआ जहां दो साल के भीतर 19 स्वशासी कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर 16 इंक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जा चुके हैं। युवाओं में स्वयं का कारोबार प्रारंभ करने का असर रहा कि 100 से अधिक ऐसे स्टार्टअप आ चुके हैं जिनकी आय प्रतिवर्ष 8 लाख तक पहुंच गई है।
कुछ विद्यार्थी जो पढ़ाई करते हुए स्टार्टअप से जुड़े: विक्रम विवि उज्जैन के विद्यार्थी नवनीत खत्री एमएससी फर्स्ट इयर फिटनेस, विशाल यादव एमसीए प्रथम वर्ष यूनिक एडूहोम, आयुष जोशी बीसीए तृतीय वर्ष प्रोजेक्ट ट्रेनर, प्रतीक्षा भदोरिया एमसीए आदि।
देवी अहिल्या विवि इंदौर के तहत मार्च 23 तक 150 से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हुए। रानी दुर्गावती विवि जबलपुर द्वारा जैविक खेती पर हुए सेमीनार में 100 से अधिक विद्यार्थी शामिल हुए। जबकि रीवा विश्वविद्यालय के 400 से ज्यादा विद्यार्थियों ने स्टार्टअप के बारे में समझा। डेढ़ साल पहले भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में कॉलेज और विश्वविद्यालय के 4 हजार से अधिक विद्यार्थी योजना की जानकारी लेने आगे आए हैं।
मेरा फोकस ऐसे प्लांट तैयार करना है, जिनके माध्यम से लोगों की एनजाइटी कम हो सके। मेरा मुख्य मोटिवेशन जलीय स्त्रोत व मां नर्मदा को प्रदूषण मुक्त करना है। नौकरी से अच्छा है कि स्वयं का कारोबार शुरू करें। पचास हजारकी सहायता से अमोहा स्टार्टअप प्रारंभ करने जा रहे हैं। अभी10 महिलाओं को रोजगार देंगे। -अक्षता ढहाके, स्टार्टअप जबलपुर
जीवाजी विवि ग्वालियर से ज्यूलॉजी विषय पर पीएचडी करते हुए स्टार्टअप पर फोकस किया। डायबिटीज के इलाज में महंगी दवाइयों से बचने के लिए मलहम तैयार कर रहे हैं क्योंकि गैंगरिंग होने से लोगों के पैर तक काटने पड़ते हैं। ऐसा मलहम तैयार कर रहे हैं कि लोगों को सस्ता इलाज मिल सके। एमएसएमई में ब्रह्म औषधि के नाम से पंजीयन कराया है। -ललिता कुशवाहा, स्टार्टअप, ग्वालियर
उच्च शिक्षा ग्रहण करते हुए विद्यार्थियों को स्वयं का कारोबार प्रारंभ करने के लिए सरकार का पूरा फोकस है। प्रदेश में अबतक भारत सरकार से विश्वविद्यालयों के इन्क्यूबेशन सेंटर्स को कुल 14 पेटेंट प्राप्त हो चुके हैं। विवि में इन्क्यूबेशन सेंटर्स की संख्या और बढ़ाने की कार्ययोजना है। -मनीषा शर्मा, प्रभारी, हायर एज्युकेशन इन्क्यूबेशन सेंटर