Naresh Bhagoria
6 Dec 2025
बेंगलुरु। कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पेश करने के बीच एक झटका लगा है। नेशनल हेराल्ड केस में दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने उन्हें नोटिस भेजकर वित्तीय लेनदेन और पैसों से जुड़े विस्तृत दस्तावेज जमा करने को कहा है। नोटिस के जवाब में उन्हें 19 दिसंबर तक संबंधित जानकारी देनी है। उन्होंने कहा है कि यह हमारे लिए बहुत 'शॉकिंग' है।
इस मामले में शिवकुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें जानबूझकर परेशान किया जा रहा है और उनकी सभी जानकारियां पहले से ही ब्लैक एंड व्हाइट में मौजूद हैं। मीडिया से बात करते हुए शिवकुमार ने कहा, यह मेरे लिए बेहद चौंकाने वाली बात है। मैंने पहले ही ED को सभी दस्तावेज़ सौंप दिए थे। ED ने मेरे भाई और मुझे बुलाया था और हमने पूरा सहयोग किया। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
हम कांग्रेस के लोग हमेशा संस्थाओं का सम्मान करते आए हैं। यहां कोई लुका-छिपी नहीं है, सब कुछ पारदर्शी है। उन्होंने आगे कहा कि ED की चार्जशीट दाखिल होने के बाद भी पुलिस द्वारा नई कार्रवाई पर सवाल उठता है। हम इसे अदालत में चुनौती देंगे। यह साफ तौर पर हेरासमेंट है। यह हमारा पैसा है—जब हम टैक्स देते हैं, तो उसे किसे देते हैं, यह हमारा निर्णय है। PMLA मामला तो पहले ही खत्म हो चुका है। अब वे और क्या कर सकते हैं? बस सोनिया गांधी, राहुल गांधी और उनके समर्थकों को परेशान करने के लिए भ्रम पैदा किया जा रहा है।
EOW द्वारा भेजे नोटिस में कहा गया है कि जांच एजेंसी के पास इस मामले में शिवकुमार से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी होने की संभावना है। उनसे उनके बैंक लेनदेन का उद्देश्य, धन का स्रोत, उनके और ‘यंग इंडियन’ या AICC पदाधिकारियों के बीच हुए किसी भी कम्युनिकेशन का रिकॉर्ड, किसके निर्देश पर भुगतान और क्या उन्हें धन के वास्तविक उपयोग की जानकारी थी आदि जानकारी मांगी गई है। साथ ही, EOW ने आयकर दस्तावेज़, वित्तीय रिकॉर्ड और दान प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराने को कहा है।