Garima Vishwakarma
6 Dec 2025
Manisha Dhanwani
6 Dec 2025
Manisha Dhanwani
6 Dec 2025
अयोध्या। आज से ठीक 33 साल पहले, 6 दिसंबर 1992 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ। यह सिर्फ एक इमारत को गिराने की घटना नहीं थी, बल्कि दो बड़े समुदायों के बीच गहरी दरार और हिंसा का कारण बनी। उस दिन कई लोगों की जान गई और देशभर में कानून और व्यवस्था के संकट की शुरुआत हुई।
तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने सुरक्षाकर्मियों को गोली चलाने से रोका था। बावजूद इसके, भीड़ ने मस्जिद को गिरा दिया। यह घटना अचानक नहीं हुई थी। 1990 से कारसेवा आंदोलन चरम पर था और राजनीतिक दलों की सक्रिय भूमिका ने इसे और बढ़ावा दिया।
बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद पूरे देश में हिंसा और दंगे फैल गए। सबसे ज्यादा प्रभावित शहर मुंबई रहा, जहां 1992 और 1993 में हुए दंगों में 257 लोगों की मौत हुई और 2000 से अधिक लोग घायल हुए। न्यायमूर्ति बीएस श्रीकृष्ण की समिति ने इन दंगों की जांच की और पाया कि हिंसा के पीछे संगठित प्रयास थे।

बाबरी विध्वंस के बाद पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने भारत के प्रमुख शहरों में हमले शुरू कर दिए।
12 मार्च 1993: मुंबई में डी-कंपनी के दाऊद इब्राहिम के नेतृत्व में 12 अलग-अलग स्थानों पर बम धमाके, 257 मौतें और 1400 से अधिक घायल।
2001: संसद पर हमला।
2008: 26/11 मुंबई हमले, जिसमें 166 लोगों की जान गई।
2010: पुणे बेकरी धमाका।
2019: पुलवामा हमला, 40 जवान शहीद।
इन हमलों में पाकिस्तान के आतंकियों का हाथ माना गया।
अयोध्या विवाद की जांच के लिए 16 दिसंबर 1992 को रिटायर्ड जज मनमोहन सिंह लिब्रहान की अध्यक्षता में आयोग बनाया गया। जांच 17 साल तक चली, इस दौरान 400 से ज्यादा बैठकें हुईं। 30 जून 2009 को रिपोर्ट तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंपी गई।

30 सितंबर 2010: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटा।
9 नवंबर 2019: सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया। विवादित जमीन हिंदुओं को दी गई और मुस्लिम पक्ष को मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन देने का आदेश जारी किया।
सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को कमजोर पाया क्योंकि उन्होंने यह साबित नहीं किया कि मस्जिद 460 सालों तक वही थी। कोई कानूनी दस्तावेज पेश नहीं किया गया।
6 दिसंबर 1992 के दो दिन बाद पाकिस्तान में लगभग 100 मंदिरों पर हमले हुए। लाहौर में प्राचीन जैन मंदिर भी क्षतिग्रस्त हुआ। इसके बाद वहां रहने वाले हिंदू समुदाय असुरक्षित महसूस करने लगे।

बाबरी विध्वंस के 33 साल बाद, 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में भव्य Ram Mandir का निर्माण पूरा हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समारोह में यजमान बने। दोपहर 12:30 बजे भगवान राम की बाल स्वरूप मूर्ति को गृभगृह में स्थापित किया गया। यह दिन हिंदू भक्तों के लिए ऐतिहासिक महत्व का है और 500 वर्षों की प्रतीक्षा का परिणाम है।