Anuraj Kumar
16 Oct 2025
Mithilesh Yadav
8 Oct 2025
हर साल 29 अक्टूबर को विश्व स्तर पर वर्ल्ड स्ट्रोक डे (World Stroke Day) मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तव में स्ट्रोक क्या है और यह क्यों खतरनाक होता है? आइए, इसे विस्तार से समझते हैं। स्ट्रोक एक गंभीर स्थिति है जिसमें दिमाग तक रक्त का प्रवाह रुक जाता है या दिमाग में आंतरिक रक्तस्राव (ब्लीडिंग) होने लगता है। यह एक मेडिकल इमरजेंसी है, क्योंकि अगर तुरंत इलाज न मिले तो व्यक्ति की जान को खतरा हो सकता है। आजकल की खराब जीवनशैली, लगातार तनाव और असंतुलित खानपान के कारण स्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
Indian Stroke Association के मुताबिक, भारत में हर साल करीब 18 लाख लोग स्ट्रोक का शिकार होते हैं। स्ट्रोक एक गंभीर और जानलेवा स्थिति है, इसलिए हर साल 29 अक्टूबर को वर्ल्ड स्ट्रोक डे (World Stroke Day) मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्ट्रोक यानी मस्तिष्क में खून के प्रवाह में रुकावट या ब्लीडिंग के खतरों के बारे में जागरूक करना है और समय पर सावधानी बरतने की प्रेरणा देना है।
तो आइए जानते है स्ट्रोक के कारण और बचाव के उपाय
सिगरेट और शराब पीना स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकता है। ये मस्तिष्क की नसों को कमजोर कर देते हैं। सिगरेट में मौजूद निकोटिन और टार के कारण खून में थक्के बन सकते हैं, जिससे स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है।
1. पूरी तरह धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन बंद करें।
2. परिवार, दोस्तों या डॉक्टर, काउंसलर की मदद लें।
उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) स्ट्रोक का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। जब ब्लड प्रेशर लगातार अधिक रहता है, तो यह मस्तिष्क की नसों पर दबाव डालता है और उन्हें कमजोर कर देता है। इसके कारण नस फट सकती हैं या ब्लड क्लॉट बनने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे स्ट्रोक हो सकता है।
1. अपने ब्लड प्रेशर को समय-समय पर मापते रहें।
2. नमक कम करें, ताजे फल और सब्ज़ियां खाएं, और तेल-मसाले का सेवन सीमित करें।
3. रोजाना हल्का-फुल्का व्यायाम करें और अपना वजन संतुलित रखें।
कोलेस्ट्रॉल और धमनियों में जमाव और स्ट्रोक जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक हो जाती है, तो यह धमनियों की दीवारों पर जमाव बना सकता है। इससे रक्त का प्रवाह धीमा या रुक सकता है, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इसे एथेरोस्क्लेरोसिस भी कहते हैं।
1. तले-भुने और फैटी भोजन की जगह ताजे फल, सब्ज़ियां, दलहन और साबुत अनाज खाएं।
2. रोजाना कम से कम 30 मिनट की हल्की-भारी एक्सरसाइज करें।
3. समय-समय पर ब्लड कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं और डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा लें, अगर जरूरत हो।