Mithilesh Yadav
24 Nov 2025
Surya Namaskar: सर्दियों में सूर्य नमस्कार करना शरीर और मन दोनों के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह न सिर्फ शरीर को गर्माहट देता है बल्कि मांसपेशियों को मजबूत बनाने, वजन घटाने, पाचन सुधारने और तनाव कम करने में भी अहम भूमिका निभाता है। 12 चरणों वाला यह पारंपरिक योगाभ्यास पूरे शरीर को सक्रिय करता है और दिनभर ऊर्जा बनाए रखने में मदद करता है।
सूर्य नमस्कार करते समय शरीर की अधिकांश मांसपेशियां सक्रिय होती हैं, जिससे हाथ, पैर, कोर और पीठ की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं और जोड़ों में लचीलापन आता है। इसका नियमित अभ्यास पेट और पीठ को टोन करके वजन घटाने में मदद करता है। सर्दियों में यह शरीर को गर्म रखकर रक्त संचार बढ़ाता है, जिससे हृदय स्वास्थ्य बेहतर होता है। साथ ही उदर क्षेत्र पर असर डालने से पाचन शक्ति और चयापचय भी सुधरता है।

सूर्य नमस्कार में शरीर की हर हरकत को सांसों की लय के साथ जोड़कर किया जाता है, जिससे मन स्वाभाविक रूप से शांत होने लगता है। यह अभ्यास मानसिक तनाव को कम करता है और भावनात्मक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करने से मन की एकाग्रता बढ़ती है, चिंता घटती है और सोचने-समझने की क्षमता बेहतर होती है। दिनभर मानसिक ऊर्जा बनाए रखने के लिए यह एक प्रभावी योगाभ्यास है।
सूर्य नमस्कार की शुरुआत प्रणामासन से होती है और इसके बाद ऊर्ध्व वृक्षासन, उत्तानासन, अर्ध उत्तानासन, चतुरंग दंडासन, अधोमुख श्वानासन और ऊर्ध्व मुख श्वानासन जैसे आसनों का क्रम आता है। सभी चरण पूरे करने के बाद फिर से प्रणामासन में लौटकर एक पूरा चक्र पूरा किया जाता है।
सूर्य नमस्कार हमेशा खाली पेट करना चाहिए ताकि शरीर पूरी तरह सक्रिय हो सके। घुटने, पीठ या कलाई की समस्या होने पर विशेषज्ञ की सलाह जरूरी है, और गर्भवती महिलाओं को यह अभ्यास नहीं करना चाहिए। इसे धीरे-धीरे करें, जल्दबाजी न करें। नियमित अभ्यास सर्दियों में शरीर को फिट, सक्रिय और तनावमुक्त रखने का सरल और प्रभावी तरीका है।