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अक्सर कर्मचारी किसी कंपनी में लंबे समय तक काम करने की चाहत नहीं रख रहे हैं। वजह अपने सैलरी पैकेज को बढ़ाने, बेहतर पॉजिशन पर जल्दी पहुंचने के लिए अर्ली रिस्क लेना। जिसमें वे जल्दी-जल्दी नौकरी बदल रहे हैं। इसमें उनकी चाहत अच्छी सुविधाएं, घर के पास काम या पसंदीदा प्रोफाइल मिलने पर लोग एक कंपनी छोड़कर दूसरी में बिना सोचे समझे चले जाते हैं।
इसी तरह बार-बार नौकरी बदलने के ट्रेंड को ऑफिस फ्रॉगिंग कहा जाता है। जैसे मेंढक एक पत्ते से दूसरे पत्ते पर कूदता है, वैसे ही एक नौकरी से दूसरी नौकरी पर छलांग लगाना ही ऑफिस फ्रॉगिंग कहलाता है।
ज्यादा सैलरी और बेहतर पैकेज की चाह
काम का दबाव और तनाव
बॉस या मैनेजमेंट से तालमेल न बैठना
जल्दी आगे बढ़ने की जल्दबाजी
मनपसंद काम न मिलना
बार-बार नौकरी बदलने से दिमाग पर दबाव बढ़ता है। हर बार नया ऑफिस, नई टीम और नए टारगेट से तनाव बढ़ जाता है। इसका असर ऐसे दिखता है:
हमेशा बेचैनी और चिंता
नींद ठीक से न आना
चिड़चिड़ापन और गुस्सा
आत्मविश्वास कम होना
काम में मन न लगना
जब आपका दिमाग ऑफिस से लौटने के बाद भी फ्रस्टेट रहता है या किसी काम में मन नहीं लगना।
अगर कर्मचारी को हर दिन ऑफिस जाने का डर लगता है।
गुस्सा, तनाव और नींद की दिक्कत लगातार घेर रही है।
काम करने की इच्छा और मोटिवेशन खत्म हो गया है।