Aakash Waghmare
29 Oct 2025
वॉशिंगटन डीसी। अमेरिका की एक अपील कोर्ट से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को बड़ा झटका मिला है। कोर्ट ने साफ कहा है कि, ट्रंप ने आपातकालीन शक्तियों का हवाला देकर जो टैरिफ लगाए थे, वे कानूनी रूप से सही नहीं हैं। हालांकि, अदालत ने इस फैसले को अक्टूबर तक लागू करने से रोक दिया है ताकि ट्रंप प्रशासन सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सके। इस बीच ट्रंप ने अदालत के आदेश को “गलत और पक्षपाती” करार देते हुए इसे मानने से इनकार किया है।
वॉशिंगटन डीसी स्थित यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द फेडरल सर्किट ने अपने फैसले में कहा कि, 1977 का इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट (IEEPA) राष्ट्रपति को कई आपातकालीन कदम उठाने की अनुमति देता है, लेकिन इसमें टैरिफ या कर लगाने की शक्ति शामिल नहीं है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि संविधान के अनुसार टैक्स और शुल्क लगाने की शक्ति केवल कांग्रेस के पास है।
फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, “सभी टैरिफ अभी भी लागू हैं। अदालत ने गलत तरीके से कहा कि हमारे टैरिफ हटाए जाने चाहिए, लेकिन अंत में अमेरिका ही जीतेगा।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर टैरिफ हटे तो यह अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए “पूर्ण आपदा” होगी। ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि टैरिफ ही अमेरिकी मजदूरों और ‘मेड इन अमेरिका’ कंपनियों को बचाने का सबसे बड़ा हथियार हैं।
यह फैसला मुख्य रूप से उन टैरिफ पर लागू होता है जिन्हें ट्रंप ने आपातकाल का हवाला देकर चीन, कनाडा और मेक्सिको जैसे देशों पर लगाया था। इन टैरिफ में 10% से 50% तक का आयात शुल्क शामिल था। हालांकि, स्टील और एल्युमिनियम पर लगाए गए शुल्क इस फैसले से प्रभावित नहीं होंगे।
ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में भारत पर 50% टैरिफ लगाया था, जो 27 अगस्त से लागू हुआ। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की रिपोर्ट के मुताबिक, यह नया शुल्क भारत के लगभग 5.4 लाख करोड़ रुपए के निर्यात को प्रभावित कर सकता है।
अमेरिका में बिकने वाले कपड़े, जेम्स-ज्वेलरी, फर्नीचर और सी-फूड जैसे भारतीय उत्पाद अब महंगे हो जाएंगे। इनकी मांग में लगभग 70% तक की कमी आ सकती है।
वहीं, चीन, वियतनाम और मेक्सिको जैसे देश कम टैरिफ के चलते अमेरिकी बाजार में भारतीय कंपनियों की हिस्सेदारी पर कब्जा कर सकते हैं।
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप की टैरिफ नीतियों को अदालत ने खारिज किया हो। इससे पहले न्यूयॉर्क स्थित यूएस कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड और वॉशिंगटन की एक अन्य अदालत भी IEEPA के तहत लगाए गए टैरिफ को असंवैधानिक बता चुकी हैं। अब तक कम से कम 8 मुकदमे ट्रंप की टैरिफ नीतियों को चुनौती दे चुके हैं, जिनमें कैलिफोर्निया राज्य भी शामिल है।
ट्रंप ने साफ कहा है कि वह इस फैसले को मानने वाले नहीं हैं और मामला सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे। अदालत ने भी 14 अक्टूबर तक टैरिफ को बरकरार रखने की अनुमति दे दी है, जिससे ट्रंप प्रशासन को समय मिल गया है। अब देखना यह होगा कि अमेरिका का सर्वोच्च न्यायालय इस मसले पर क्या फैसला देता है।
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