Manisha Dhanwani
21 Dec 2025
ढाका। बांग्लादेश के प्रमुख युवा नेता और इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की हत्या (Hadi Murder Case) ने देश में राजनीतिक और सामाजिक उबाल ला दिया है। हादी पर 12 दिसंबर को ढाका के बिजॉयनगर इलाके में बाइक सवार हमलावरों ने गोली चलाई थी, जब वह अपने चुनाव प्रचार में व्यस्त थे। गंभीर रूप से घायल हादी को इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया, लेकिन 18 दिसंबर को उनकी मौत हो गई।
हादी की हत्या ने न सिर्फ देश की राजनीति को हिला दिया है, बल्कि सामाजिक और सांप्रदायिक तनाव को भी बढ़ा दिया है। उनके समर्थक और इंकलाब मंच के कार्यकर्ता लगातार न्याय की मांग कर रहे हैं और सरकार पर कार्रवाई के लिए दबाव बना रहे हैं।
हादी के अंतिम संस्कार के बाद इंकलाब मंच ने बांग्लादेश सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया। मंच के सचिव अब्दुल्ला अल जाबेर ने कहा कि, अगर सरकार हादी की हत्या में शामिल सभी लोगों को गिरफ्तार नहीं करती है, तो रविवार शाम से शाहबाग चौराहे पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया जाएगा।

जाबेर ने कहा कि, हादी की हत्या केवल एक व्यक्ति का काम नहीं थी, बल्कि इसके पीछे पूरा सिंडिकेट था। उन्होंने चेतावनी दी कि, हत्यारों का समर्थन करने वालों और उनका सार्वजनिक समर्थन करने वालों को भी न्याय के दायरे में लाया जाएगा। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि, आगामी चुनावों को बाधित करने और शेख हसीना की अवामी लीग को सत्ता में लाने की साजिश की जा रही है।
हादी का अंतिम संस्कार राष्ट्रीय कवि काजी नजरूल इस्लाम की कब्र के पास ढाका विश्वविद्यालय के पास किया गया। इससे पहले संसद भवन के साउथ प्लाजा में जनाजे की नमाज अदा की गई। अंतिम संस्कार में लाखों लोग शामिल हुए और प्रदर्शनकारी नारेबाजी कर रहे थे। जैसे- भाई हादी का खून व्यर्थ नहीं जाएगा, दिल्ली या ढाका-ढाका, ढाका।
अंतरिम नेता मोहम्मद यूनुस ने भाषण में कहा कि, हादी केवल एक नेता नहीं, बल्कि जनता की आवाज और बांग्लादेश की स्वतंत्रता का प्रतीक थे। उन्होंने कहा, हादी हमारे दिलों में बसे हैं और हमेशा रहेंगे।
संसद में हादी के जनाजा-ए-नमाज के बाद अंतरिम नेता मोहम्मद यूनुस ने भाषण दिया।
रैली में इंकलाब मंच ने सरकार से दो प्रमुख मांगें रखीं-
जाबेर ने कहा कि, अगर 24 घंटे के भीतर मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो गृह मामलों के सलाहकार और प्रधान सलाहकार के विशेष सहायक के इस्तीफे की मांग की जाएगी।
हादी की हत्या के विरोध में कई जगह हिंसा हुई। प्रदर्शनकारियों ने मीडिया हाउस और अवामी लीग के कार्यालयों में आगजनी और तोड़फोड़ की। चटगांव में भारतीय सहायक उच्चायोग के आवास पर भी पथराव की घटनाएं हुईं।

सुरक्षा बढ़ाने के लिए भारतीय सेना और सुरक्षा बल सक्रिय हो गए हैं। ईस्टर्न कमांड प्रमुख ले. जनरल आरसी तिवारी ने भारत-बांग्लादेश सीमा का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। सिलहट शहर में भारतीय सहायक उच्चायोग कार्यालय और वीजा आवेदन केंद्र पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
हादी के मुख्य आरोपी फैसल करीम के भारत भागने की खबरें सामने आई हैं। बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, हत्यारों को मदद देने वाले अन्य आरोपी अदालत में इसका खुलासा कर चुके हैं। हादी ने हमले से कुछ घंटे पहले ग्रेटर बांग्लादेश का मैप साझा किया था, जिसमें भारतीय क्षेत्र (7 सिस्टर्स) शामिल थे।
शरीफ उस्मान हादी (फाइल फोटो)
हादी इंकलाब मंच के प्रवक्ता थे और आगामी चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ढाका से चुनाव लड़ने वाले थे। इंकलाब मंच अगस्त 2024 के छात्र आंदोलन के बाद उभरा और यह संगठन अवामी लीग सरकार की आलोचना, युवा सुरक्षा और राष्ट्रीय स्वतंत्रता पर जोर देता है। मई 2025 में इस संगठन ने अवामी लीग को भंग करने और चुनाव में अयोग्य ठहराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
हादी की हत्या ने बांग्लादेश में राजनीतिक और सामाजिक तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। इंकलाब मंच और अन्य समर्थक लगातार न्याय की मांग कर रहे हैं। सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है कि, हत्यारों की गिरफ्तारी और मामले की स्पष्ट प्रगति दिखाई जाए।
देश में अगले 24 घंटे सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की, तो देशभर में और बड़े विरोध और धरनों की आशंका जताई जा रही है।
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