Shivani Gupta
20 Oct 2025
पुष्पेन्द्र सिंह
भोपाल। एक सबकुछ अच्छा रहा तो जल्दी ही एक ऐसा बियरेबल डिवाइस उपलब्ध होगा, जो सांप के डसने की स्थिति तत्काल न केवल जहर का प्रकार पता कर लेगा, बल्कि तुरंत जीवन रक्षक दवा भी आवके शरीर में इंजेक्ट कर देगा। इस डिवाइस का नाम है गो-वेनम। इसका आविष्कार बुदेलखंड में पन्ना जिले के अजयगढ़ राजपरिवार के सदस्य 44 वर्षीय डॉ. हृदय शाह जूदेव ने अपनी नवाचार प्रयोगशाला शक्तिनेत्रा लैब्स के माध्यम से किया है। इस डिवाइस को पूरी तरह से तैयार करने में 1 साल तक का समय लग सकता है। इसके लिए अब तक तीन हजार बाइट या सिमुलेशन डेटा जुटाया जा चुका है। डिवाइस के तैयार होने के बाद मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में सर्वे करके फीडबैक भी लिया जाएगा।
यह डिवाइस घड़ी के आकार की होगी। इसे कलाई, हाथ के किसी अन्य हिस्से या पैर में आसानी से बांधा जा सकेगा। इसमें तीन एंटी वेनम रखे होंगे, एक चिप लगी होगी, जो एआई से कनेक्ट रहेगी। जैसे ही कोई सांप उसता है, तो उसके 30-40 सेकंड में स्किन में बदलाव आने लगता है। बायो सेंसर तत्काल पत्ता करेगा कि किस प्रकार के सांप का जहर है और रिजर्व चेंबर में रखी एन्टी वेनम दे देगा। डॉ. हृदय शाह का दावा है कि यह जीवन रक्षक डोज करीब दस घंटे तक व्यक्ति को बचाए रखेगा।
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यही नहीं, यह डिवाइस ऐसी किसी घटना की स्थिति में प्रभावित व्यक्ति के परिचित को लाइव लोकेशन भी भेज देगा, नोटिफिकेशन भी आने लगेगे। यह भारत सरकार से पेटेंट हो गया है। यह अपनी तरह है दुनिया का पहला डिवाइस है।
गो-वेनम को 'मेड इन इंडिया' रखना है, इसलिए मेडिकल बोर्ड और देश के संबंधित संगठनों के साथ राज्य और केंद्र से जरूरी अनुमतियां लेनी होंगी। उब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, हर साल लगभग 27 लाख लोग सर्पदंश का शिकार होते हैं। इनमें लगभग 1.38 लाख की मृत्यु हो जाती है। यह खोज इस संख्या में गिरावट ला सकती है।
जबलपुर। नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, जालपुर के सर्जरी विभाग के रेजिडेंट डॉक्टर देवम बड़ेरिया को ब्रेस्ट कैंसर पर शोध के लिए ट्रेवलिंग फैलोशिप से सम्मानित किया जाएगा। यह फैलोशिप उन्हें यूरोपियन सोसाइटी ऑफ सर्जिकल ऑन्कोलॉजी (ईएसएसओ) द्वारा स्वीडन के गोयेनवर्ग शहर में 15 अक्टूबर को होने वाले 44वें वार्षिक सम्मेलन में प्रदान की जाएगी। इस प्रतिष्ठित फेलोशिय के लिए दुनियाभर से हर साल केवल 5 विकित्सकों का चयन किया जाता है। इस वर्ष मध्यप्रदेश से एकमात्र चयन डॉ. बड़ेरिया का हुआ है।