Manisha Dhanwani
4 Dec 2025
भोपाल। राजधानी में मेट्रो शुरू होने की तैयारी अब अंतिम चरण में पहुँच गई है। कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी द्वारा तीन बार के निरीक्षण के बाद संचालन के लिए अनुमति दे दी गई है। मंजूरी मिलने के बाद सुभाष नगर से एम्स तक बने प्राथमिकता कॉरिडोर पर दिसंबर में मेट्रो के पहली बार चलने की उम्मीद है। इंदौर के बाद अब भोपाल भी मेट्रो नेटवर्क से जुड़ने जा रहा है, जिसका शहरवासी लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। अनुमान है कि इस रूट का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे और जल्द ही राजधानी में मेट्रो यात्रा आम जनता के लिए उपलब्ध हो जाएगी।
भोपाल मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर में कुल आठ स्टेशन शामिल हैं। रिपोर्ट राज्य सरकार के पास भेजी जा चुकी है, और केंद्र से मंजूरी मिलते ही सेवा शुरू की जा सकेगी। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही इस मेट्रो का उद्घाटन करेंगे और संभव है कि वे पहले यात्री भी बनें। हालांकि, उद्घाटन वर्चुअल रूप से होने की भी संभावना है।
कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी की टीम ने 12 से 15 नवंबर के बीच डिपो, ट्रैक, स्टेशन, ट्रेन और सुरक्षा मानकों की गहन जांच की। फायर सेफ्टी, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, ट्रेन कंट्रोल, एस्कलेटर–लिफ्ट तथा यात्री सुविधाओं को भी परखा गया। अधिकारियों के अनुसार सभी जरूरी तैयारियाँ पूरी हैं, और स्टेशन पर चल रहा छोटा-मोटा काम संचालन में बाधा नहीं बनेगा।
भोपाल मेट्रो परियोजना की शुरुआत 2018 में हुई थी। 6.22 किलोमीटर लंबे प्रायोरिटी कॉरिडोर के तैयार होने के बाद अब करोंद तक विस्तार का काम तेजी से आगे बढ़ेगा। उम्मीद है कि जल्द ही राजधानी के लोग मेट्रो में सफर करने का अनुभव ले सकेंगे।
भोपाल, इंदौर के बाद मध्य प्रदेश का दूसरा शहर बनने जा रहा है जहाँ मेट्रो सेवा शुरू होगी। तीन स्तर की जांच के बाद इस कॉरिडोर को ‘ओके रिपोर्ट’ मिल चुकी है। अनुमान है कि दिसंबर के दूसरे सप्ताह में पहला कमर्शियल रन शुरू किया जा सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार प्रायोरिटी कॉरिडोर - सुभाष नगर से एम्स तक - का निर्माण और आवश्यक काम लगभग पूरा हो चुका है। तारीख तय होते ही कमर्शियल रन की घोषणा कर दी जाएगी। संभावना है कि दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेट्रो का लोकार्पण करेंगे और यह ट्रेन उनकी पहली सवारी बनेगी।
भले ही कमर्शियल रन की तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन संचालन की मंजूरी मिलने के साथ ही शहर में उत्साह बढ़ गया है। शुरुआत में पूरी टिकटिंग प्रक्रिया मैन्युअल ही रहेगी, इसका कारण है कि टिकटिंग सिस्टम संभालने वाली तुर्किए की कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया गया है। नई कंपनी के आने तक मेट्रो स्टाफ ही टिकट जारी करेगा। इंदौर मेट्रो भी इसी प्रक्रिया से चल रही है।