Aakash Waghmare
21 Oct 2025
Priyanshi Soni
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Shivani Gupta
20 Oct 2025
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वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस साल भारत में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन में शामिल होने की संभावना नहीं है। जून में भारत सरकार ने घोषणा की थी कि पीएम नरेंद्र मोदी के निमंत्रण को डोनाल्ड ट्रंप ने स्वीकार कर लिया है और उन्होंने भारत आने का वायदा किया है। लेकिन अब स्थिति बदल गई है। न्यूयार्क टाइम्स की एक ताजा रिपोट के अनुसार अब भारत आना उनके कार्यक्रम का हिस्सा नहीं रह गया है। हालांकि, अब तक नई दिल्ली या वॉशिंगटन से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर पैदा हुए विवाद के बाद यह स्थिति बनी है। दोनों देशों के बीच ट्रेड डील को लेकर बातचीत जारी थी, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के रूस से तेल खरीदने पर आपत्ति जताने और 50 फीसदी टैरिफ लगाने के बाद इस प्रक्रिया में व्यवधान पैदा हो गया है। डोनाल्ड ट्रंप के क्वाड शिखर सम्मेलन में नहीं आने का निर्णय भी इसी से जुड़ा है।
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इसके बाद ही 25 अगस्त को होने वाले छठे दौर की वार्ता के लिए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने भारत आने से इनकार कर दिया और बातचीत रुक गई। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, 17 जून को मोदी और ट्रंप के बीच फोन पर हुई बातचीत ने दोनों नेताओं के रिश्तों में खटास पैदा हो गई। यह वार्ता उस समय हुई जब ट्रंप कनाडा के जी7 शिखर सम्मेलन से लौटे थे। डोनाल्ड ट्रंप ने मोदी से अमेरिका आने का आग्रह किया था, लेकिन पीएम मोदी ने पहले से तय कार्यक्रमों का हवाला देकर मना कर दिया। इसके अलावा मई में भारत-पाकिस्तान के बीच हुई संघर्षविराम पर भी ट्रंप ने बार-बार दावा किया कि उन्होंने दोनों देशों को संघर्ष विराम के लिए राजी किया है। जबकि भारत ने स्पष्ट कहा कि यह फैसला दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच हुई बातचीत से हुआ था। इसमें अमेरिका की कोई भूमिका नहीं रही।
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डोनाल्ड ट्रंप ने 17 जून की बातचीत में फिर यह मुद्दा उठाया और यहां तक कहा कि पाकिस्तान उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने जा रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रत्यक्ष रूप से यह उम्मीद जताई कि भारत भी ऐसा करे। लेकिन यह भारत के लिए अस्वीकार्य था। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस कॉल के बाद बयान जारी किया कि पीएम मोदी ने साफ कर दिया है कि भारत कभी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा और सभी मसले भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे संवाद से सुलझाए जाएंगे। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि डोनाल्ड ट्रंप चाहते थे कि मोदी को पाकिस्तान के सेना प्रमुख से व्हाइट हाउस में मिलवाया जाए, जिससे भारतीय अधिकारियों को काफी असहजता महसूस हुई। भारत ने इसे अपनी संप्रभुता और कूटनीतिक परंपरा के खिलाफ माना।
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इन सभी विवादों का असर भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता और क्वाड सम्मेलन की तैयारियों पर पड़ा है। जहां भारत मानता है कि अमेरिका के अतिरिक्त शुल्क अनुचित और अव्यावहारिक हैं, वहीं अमेरिका का आरोप है कि भारत रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध को वित्तीय मदद दे रहा है। कुल मिलाकर, यह घटनाक्रम दिखाता है कि भारत-अमेरिका संबंध इस समय चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। एक ओर व्यापारिक मतभेद और टैरिफ विवाद हैं, वहीं दूसरी ओर कूटनीतिक स्तर पर भी दोनों देशों के बीच अविश्वास की खाई गहरा गई है। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप का भारत दौरा संदिग्ध हो गया है, जो न केवल क्वाड की रणनीतिक साझेदारी को प्रभावित कर सकता है बल्कि भारत-अमेरिका संबंधों के भविष्य पर भी असर डाल सकता है।