Aniruddh Singh
21 Oct 2025
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि भारत बहुत जल्द विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने इसके पीछे केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री जनधन योजना और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी को बड़ा कारण बताया। मध्य प्रदेश के रांगवासा गांव में आयोजित सरकारी बैंकों की वित्तीय समावेशन पहल संत्रिप्ति शिविर में बोलते हुए मल्होत्रा ने कहा कि 11 वर्ष पहले केंद्र सरकार और आरबीआई ने बैंकों के सहयोग से जनधन योजना शुरू की थी, जिसने देश के आर्थिक विकास की दिशा और गति दोनों को मजबूत किया।
गवर्नर ने कहा कि आज भारत विश्व के 5 सबसे विकसित देशों में गिना जाता है और बहुत जल्द तीसरे स्थान पर पहुँच जाएगा। उन्होंने बताया कि जनधन योजना के तहत अब तक 55 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले जा चुके हैं। इससे देश के हर वर्ग के लोगों को बचत, बीमा, पेंशन, ऋण और अन्य वित्तीय सेवाओं से जोड़ने का अवसर मिला है। यह योजना न केवल वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दे रही है बल्कि लोगों को विकास यात्रा का हिस्सा भी बना रही है।
मल्होत्रा ने केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करने के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि खाता धारक अपनी जानकारी अपडेट नहीं करते हैं तो उनके खाते म्यूल अकाउंट बन सकते हैं, जिनका इस्तेमाल अपराधी अवैध पैसों की हेराफेरी के लिए करते हैं। उन्होंने लोगों से सावधान रहने, डिजिटल साक्षरता और वित्तीय जागरूकता बढ़ाने की अपील की ताकि वे धोखाधड़ी से बच सकें। साथ ही उन्होंने यूपीआई और डिजिटल बैंकिंग के व्यापक उपयोग को भी प्रोत्साहित किया। आरबीआई गवर्नर ने महिलाओं की सराहना करते हुए कहा कि वित्तीय समावेशन अभियान में उनकी भागीदारी उल्लेखनीय है और वे भारत के विकास में अहम भूमिका निभा रही हैं। अब लगभग हर गाँव में 5 किलोमीटर की दूरी के भीतर बैंक शाखा या बैंक मित्र उपलब्ध है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी वित्तीय सेवाएँ सहजता से पहुंच रही हैं।
उन्होंने बताया केंद्र सरकार और आरबीआई ने 1 जुलाई से 30 सितंबर तक देशव्यापी वित्तीय समावेशन अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत नए जनधन खाते खोलने, लोगों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में शामिल करने और केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बैंकों से आग्रह किया कि वे इस अभियान को और तेज करें और सरकारी कर्मचारियों तथा जनप्रतिनिधियों के सहयोग से अधिक से अधिक लोगों को वित्तीय व्यवस्था से जोड़ें। कार्यक्रम में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन सी. एस. सेट्टी भी उपस्थित थे। मल्होत्रा ने कहा कि हालाँकि भारत ने वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में लंबा सफर तय कर लिया है, लेकिन अभी लक्ष्य पूरी तरह से हासिल करने के लिए काफी काम बाकी है। यह अभियान केवल आर्थिक सेवाओं से जोड़ने का नहीं बल्कि लोगों को वित्तीय रूप से सशक्त और सुरक्षित बनाने का भी प्रयास है।