Aakash Waghmare
9 Dec 2025
ऑस्ट्रेलिया ने वह कदम उठा लिया है जिसकी चर्चा दुनिया भर में हो रही है। 10 दिसंबर से देश में 16 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी तरह का सोशल मीडिया अकाउंट बनाने की अनुमति नहीं होगी। यानी इंस्टाग्राम, फेसबुक, टिकटॉक, स्नैपचैट, X, Reddit जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म नाबालिगों के लिए पूरी तरह बंद कर दिए जाएंगे।
सरकार ने साफ कहा है कि अगर कोई कंपनी इस नियम का पालन नहीं करती, तो उस पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जाएगा। यह पहली बार है जब किसी देश ने बच्चों की सुरक्षा के लिए इतना सख्त डिजिटल कानून लागू किया है।
प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने इस कानून को बच्चों की सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा सुधार बताया है। उनका मानना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बच्चों की जिंदगी और मानसिक स्वास्थ्य को गलत दिशा में ले जा सकते हैं। लगातार स्क्रीन टाइम, एल्गोरिद्म का असर, साइबरबुलिंग और हानिकारक कंटेंट इन सब वजहों से सरकार ने यह निर्णय लिया।
एंथनी अल्बनीज बोलें माता-पिता भी लंबे समय से बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों को लेकर चिंतित थे। सरकार का दावा है कि यह नया नियम उन्हें मानसिक शांति देगा और बच्चों को खतरनाक डिजिटल कंटेंट से बचाएगा।
जहां कई लोग इस फैसले की तारीफ कर रहे हैं, वहीं कुछ बच्चे और किशोर परेशान भी नजर आ रहे हैं। दूरदराज इलाकों में रहने वाले कई बच्चे सोशल मीडिया से ही अपने दोस्तों से जुड़े रहते थे। अब उन्हें डर है कि छुट्टियों और खाली समय में वे कैसे संपर्क में रहेंगे।
कुछ बच्चे मानते हैं कि एल्गोरिद्म उन्हें देर रात तक फोन पर रोके रखते हैं, लेकिन साथ ही यह भी कह रहे हैं कि पूरी तरह बैन करने की जगह सोशल मीडिया कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म पर सुधार करने चाहिए थे।
इस फैसले के बाद कई देश अब नियम बदलने पर विचार कर रहे हैं। नॉर्वे उम्र सीमा 13 से बढ़ाकर 15 करने पर काम कर रहा है, डेनमार्क भी इसी तरह का कानून बनाने की तैयारी में है, इंडोनेशिया भी इस फैसले पर विचार कर रहा है तो वहीं ब्रिटेन बच्चों के सोशल मीडिया टाइम पर लिमिट लगाने की योजना बना रहा है।
अमेरिका के फ्लोरिडा में भी इसी तरह 14 साल से कम बच्चों पर सोशल मीडिया प्रतिबंध लगाया गया था। अब सवाल उठ रहा है क्या भारत भी बच्चों के लिए ऐसे सख्त डिजिटल नियम लागू कर सकता है?