People's Reporter
11 Nov 2025
Aniruddh Singh
9 Nov 2025
Aniruddh Singh
9 Nov 2025
Aniruddh Singh
9 Nov 2025
सिंगापुर। एशियाई व्यापार में सोमवार को कच्चे तेल की कीमतों में तेज गिरावट देखने को मिली। इसका मुख्य कारण यह खबर रही कि ओपेक प्लस नवंबर में एक और उत्पादन बढ़ोतरी की तैयारी कर रहा है। इसके साथ ही, इराक ने तुर्की के लिए कुर्दिश तेल निर्यात दोबारा शुरू कर दिया है, जिससे वैश्विक आपूर्ति में और बढ़ोतरी की आशंका बढ़ गई है। बाजार को यह डर है कि मांग की तुलना में आपूर्ति बहुत अधिक हो जाएगी और इससे कीमतों पर दबाव और बढ़ेगा। ब्रेंट ऑयल फ्यूचर्स नवंबर डिलीवरी के लिए 0.8% गिरकर 69.58 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, जबकि वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) क्रूड फ्यूचर्स 0.9% लुढ़ककर 65.16 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
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गौर करने वाली बात यह है कि पिछले सप्ताह दोनों बेंचमार्क लगभग 5% चढ़ गए थे। उस समय कीमतों को सहारा रूस के ईंधन निर्यात में संभावित बाधाओं से मिला था। यूक्रेन द्वारा रूसी ऊर्जा ढांचे पर ड्रोन हमलों के बाद यह आशंका बनी थी कि आपूर्ति बाधित हो सकती है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में संभावना जताई गई है कि तेल निर्यातक देशों का संगठन और उसके सहयोगी यानी ओपेक प्लस अक्टूबर बैठक में एक और उत्पादन बढ़ोतरी को मंजूरी दे सकता है। सऊदी अरब के नेतृत्व वाला यह समूह पहले से ही अक्टूबर में 1,37,000 बैरल प्रतिदिन की बढ़ोतरी की योजना बना चुका है। अब उत्पान इससे भी आगे बढ़ सकता है। यह फैसला 5 अक्टूबर को होने वाली ऑनलाइन बैठक में लिया जा सकता है।
दरअसल, पिछले दो सालों में ओपेक प्लस ने गहरी कटौतियां की थीं, ताकि कीमतों को स्थिर रखा जा सके। अब समूह लगातार उत्पादन बढ़ा रहा है। इस रणनीति का उद्देश्य वैश्विक बाजार में अपनी हिस्सेदारी वापस पाना बताया जा रहा है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) पहले ही चेतावनी दे चुकी है कि यदि ओपेक प्लस इसी तरह उत्पादन बढ़ाता रहा, तो 2026 तक वैश्विक स्तर पर तेल की भारी अधिकता यानी रिकॉर्ड अधिशेष हो सकता है। इसका कारण यह है कि आपूर्ति की गति मांग से कहीं अधिक तेज होगी। इस बीच, इराक ने कुर्दिस्तान क्षेत्र से तुर्की की ओर कच्चे तेल का निर्यात दोबारा शुरू कर दिया है। यह निर्यात मार्च 2023 से रुका हुआ था और अब लगभग ढाई साल बाद इसे बहाल किया गया है।
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शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, प्रतिदिन 1,80,000 से 1,90,000 बैरल तेल की आपूर्ति फिर शुरू हुई है। आने वाले महीनों में यह स्तर और बढ़ सकता है। इराक के तेल मंत्रालय ने बताया यह निर्यात एक अंतरिम समझौते के बाद संभव हुआ, जो बगदाद सरकार, कुर्दिस्तान क्षेत्रीय सरकार और विदेशी तेल कंपनियों के बीच हुआ। इस समझौते से किर्कुक-सेहान पाइपलाइन के जरिए आपूर्ति फिर से चालू हो पाई है। कुल मिलाकर, ओपेक प्लस की संभावित उत्पादन बढ़ोतरी और इराकी तेल निर्यात की बहाली ने बाजार में यह संकेत दिया है कि आपूर्ति का दबाव आगे और बढ़ेगा। मांग अपेक्षाकृत धीमी है और यदि आपूर्ति इतनी तेजी से बढ़ती रही, तो तेल की कीमतों में स्थिरता लाना मुश्किल हो जाएगा। यही कारण है कि निवेशकों ने एशियाई बाजार में बड़े पैमाने पर बिकवाली की जिसकी वजह से तेल की कीमतें गिर गई हैं।