Aniruddh Singh
27 Oct 2025
Aniruddh Singh
26 Oct 2025
Aniruddh Singh
26 Oct 2025
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26 Oct 2025
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर किए गए जीएसटी सुधार के वादे को अब सरकार ने पूरा कर दिया है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 48,000 करोड़ रुपए की राजस्व लागत वाले बड़े जीएसटी सुधारों की घोषणा कर दी है। इस ऐलान ने शेयर बाजार में जोरदार उछाल ला दिया है और निवेशकों में नई उम्मीदें जगाईं हैं। इसके बाद आज सुबह सेंसेक्स ने आज सुबह के कारोबार के दौरान लगभग 888.96 अंकों की छलांग लगाई और निफ्टी 25,000 के स्तर ने नजदीक पहुंचने में सफल रहा। सरकार ने जीएसटी के जटिल चार-स्लैब ढांचे को सरल कर दिया है। जिन वस्तुओं पर पहले 28% और 12% जीएसटी लगता था, उन्हें अब क्रमशः 18% और 5% स्लैब में ला दिया गया है। इससे उपभोक्ताओं को सीधे तौर पर कम उपभोग की चीजों पर कम कीमत चुकानी पड़ेगी और मांग में वृद्धि होगी।
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विश्लेषकों का मानना है कि इससे न केवल उपभोक्ता को राहत मिलेगी बल्कि कॉरपोरेट सेक्टर की कमाई और देश की जीडीपी वृद्धि दर पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। ऑटोमोबाइल क्षेत्र को सबसे बड़ा लाभार्थी माना जा रहा है। टू-व्हीलर, स्मॉल कार और एसयूवी पर जीएसटी दरों में कमी ने इस सेक्टर में मांग को नया प्रोत्साहन दिया है। ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे ग्रामीण बाज़ार में मांग में तेज उछाल आने की संभावना है। महिंद्रा एंड महिंद्रा, एस्कॉर्ट्स, टीवीएस, मारुति और अन्य कंपनियों के शेयरों में मजबूती इसी कारण दिखी। एफएमसीजी क्षेत्र को भी अप्रत्याशित राहत मिली है। बिस्कुट, नूडल्स, नमकीन, कॉफी, चॉकलेट, आइसक्रीम, जूस और अधिकांश पर्सनल केयर उत्पादों पर टैक्स दर घटाकर 5% कर दी गई है।
इस राहत से कोलगेट, ब्रिटानिया, नेस्ले, हिंदुस्तान यूनिलीवर, डाबर, पतंजलि जैसी कंपनियों के लिए मांग में सुधार होगा और इनके शेयरों में निवेशकों की दिलचस्पी और बढ़ेगी। सीमेंट उद्योग के लिए भी यह सुधार लंबे समय से प्रतीक्षित था। पहले 28% जीएसटी दर को घटाकर 18% कर दिया गया है, जिससे इस क्षेत्र में मांग और कीमतों दोनों में सुधार होगा। सीमेंट कंपनियों को वॉल्यूम बढ़ने और लाभप्रदता में सुधार का लाभ मिलेगा। अर्थव्यवस्था पर इन सुधारों का असर व्यापक रूप से दिखेगा। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले चार से छह तिमाहियों में जीएसटी से मांग में आई तेजी जीडीपी वृद्धि दर को 100 से 120 बेसिस प्वाइंट तक बढ़ा सकती है। 2026-27 तक भारत की विकास दर 6.5% से 7% तक पहुंच सकती है। इस समय जब अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक व्यापार युद्ध जैसी चुनौतियां हैं, यह सुधार भारतीय अर्थव्यवस्था को संतुलित रखने में मदद करेगा।
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त्योहारों के मौसम से पहले जीएसटी में यह कटौती उपभोग बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। विश्लेषकों का मानना है कि यदि कंपनियां कर कटौती का लाभ पूरी तरह उपभोक्ताओं तक पहुंचाती हैं, तो मांग में तेज उछाल देखने को मिलेगा, जिससे कारोबारी लाभ, रोजगार और निवेश पर सकारात्मक प्रभाव होगा। उपभोक्ताओं के हाथ में ज्यादा पैसा बचेगा, जो सीधा-सीधा बाजार की मांग और कॉरपोरेट कमाई में वृद्धि करेगा। निवेशकों के लिए यह सुधार केवल अल्पकालिक प्रोत्साहन नहीं बल्कि संरचनात्मक बदलाव माना जा रहा है। इसका असर ऑटोमोबाइल, एफएमसीजी, सीमेंट, बीमा और व्हाइट गुड्स जैसे विविध क्षेत्रों पर एक साथ दिख रहा है। यही कारण है कि शेयर बाजार में व्यापक स्तर पर तेजी आई है और निवेशक इसे लंबे समय के लिए अवसर मान रहे हैं।