फेड के एक और रेट कट की उम्मीद में आधिकांश एशियाई शेयर बाजारों में तेजी, चीन- हांगकांग के बाजारों में दिखा दबाव
सिंगापुर। एशियाई शेयर बाजारों ने गुरुवार को मजबूत प्रदर्शन किया, क्योंकि निवेशकों को उम्मीद है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व इस माह की 17-18 सितंबर की बैठक में ब्याज दरों में कटौती करेगा। वॉल स्ट्रीट पर हुई मजबूत बढ़त का सीधा असर एशियाई बाजारों पर देखने को मिला और अधिकांश सूचकांक तेजी में ट्रेड करते दिखाई दिए। हालांकि, चीन के शेयर बाजार पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिला, क्योंकि वहां की वित्तीय नियामक संस्थाएं शेयर बाजार में सट्टेबाज़ी को रोकने के लिए नए नियमों पर विचार कर रही हैं। अमेरिका से आई ताजा आर्थिक रिपोर्टों ने यह संकेत दिया है कि वहां श्रम बाजार धीरे-धीरे ठंडा पड़ रहा है। नौकरियों की संख्या उम्मीद से कम रही है, जिससे यह संभावना मजबूत हुई कि महंगाई को नियंत्रित रखने के साथ-साथ फेडरल रिजर्व अब आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। बाजारों में इस कटौती की संभावना लगभग 97% मानी जा रही है। इस उम्मीद ने निवेशकों को राहत दी और एशियाई शेयरों में खरीदारी बढ़ी।
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निक्केई ने 1.4% की मजबूत बढ़त दर्ज की
जापान का निक्केई 225 इंडेक्स सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला सूचकांक रहा, जिसमें 1.4% की मजबूत बढ़त दर्ज हुई। इसके साथ ही टॉपिक्स इंडेक्स भी 0.9% बढ़ा। जापानी शेयर बाजार ने सितंबर की धीमी शुरुआत के बाद अब संभलने के संकेत दिए। इसी तरह, दक्षिण कोरिया का कोस्पी भी 0.6% चढ़ा, जिसे हाल ही में आए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) आंकड़ों का सहारा मिला। ऑस्ट्रेलिया का एएसएक्स 200 इंडेक्स 0.9% ऊपर गया। हालांकि, पिछली सत्र में इसे तेज गिरावट का सामना करना पड़ा था, लेकिन नए जीडीपी आंकड़ों ने निवेशकों को भरोसा दिलाया। सिंगापुर का स्ट्रेट्स टाइम्स इंडेक्स 0.3% चढ़ गया, जबकि भारत का सेंसेक्स 386.26 अंक और निफ्टी 102.20 अंकों की बढ़त में है। भारतीय शेयरों ने हाल के हफ्तों में अमेरिकी टैरिफ की वजह से भारी दबाव झेला है। जीएसटी की नई दरों को मंजूरी के बाद निवेशकों में उत्साह लौटा है।
चीनी शेयर बाजारों में गिरावट का रुख
अमेरिका ने भारत पर अगस्त के अंत में 50% तक शुल्क लगा दिया था और इससे भारतीय बाजार में अनिश्चितता फैल गई थी। हालांकि, भारत सरकार के मंत्रियों ने यह कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ताएं जारी हैं, जिससे बाजार को थोड़ी राहत मिली है। फिर भी, अगस्त महीने के परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) के आंकड़े उम्मीद से कम रहे, जिसने स्थानीय निवेशकों की धारणा को थोड़ा कमजोर किया। दूसरी ओर, चीन और हांगकांग के बाजारों में गिरावट देखने को मिली। चीन का शंघाई शेनजेन सीएसआई 300 इंडेक्स 2.5% और शंघाई कंपोजिट 2% नीचे गया। हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स भी 1.3% फिसल गया। प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनी बीवाईडी के शेयरों में 2% की गिरावट आई, क्योंकि कंपनी ने अपनी सालाना बिक्री का लक्ष्य घटाकर 4.6 मिलियन यूनिट कर दिया है।
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चीन में सट्टेबाजी कम करने के उपाय
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में चीन के वित्तीय नियामकों के बारे में कहा गया है कि वे शेयर बाजार में सट्टेबाजी कम करने के लिए कुछ नए उपायों पर विचार कर रहे हैं। अगस्त की शुरुआत से अब तक चीनी शेयर बाजार में 1.2 ट्रिलियन डॉलर की तेज रैली देखी गई है, जिससे सरकार को यह चिंता हो रही है कि कहीं यह अस्थिर बुलबुला साबित न हो। इसी वजह से संभावित नियमों की खबरों ने निवेशकों को डराया और बिकवाली बढ़ गई। कुल मिलाकर, एशिया के अधिकांश बाजारों में अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की संभावना ने रौनक ला दी, लेकिन चीन की नियामक सख़्ती और वहाँ की प्रमुख कंपनियों की निराशाजनक घोषणाओं ने नकारात्मक असर डाला। आने वाले दिनों में फेडरल रिज़र्व की बैठक और अमेरिका के रोज़गार आँकड़े यह तय करेंगे कि एशियाई बाज़ार किस दिशा में आगे बढ़ेंगे।