Aniruddh Singh
13 Sep 2025
मुंबई। आईटी दिग्गज इन्फोसिस ने अपने इतिहास का सबसे बड़ा शेयर बायबैक कार्यक्रम शुरू करने का ऐलान किया है। कंपनी 18,000 करोड़ रुपए के शेयर वापस खरीदेगी और इसके लिए प्रति शेयर 1,800 रुपए का मूल्य तय किया गया है, जो मौजूदा बाजार मूल्य से लगभग 18 प्रतिशत अधिक है। यह घोषणा 12 सितंबर 2025 को की गई। इसके साथ निवेशकों में उत्साह देखने को मिला। हालांकि, यह भी ध्यान देने वाली बात है कि इन्फोसिस का शेयर अपने उच्चतम स्तर से 23 प्रतिशत नीचे है, इसके बावजूद, पिछले 4 कारोबारी सत्रों में इसमें 8 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली है। कंपनी के इस कदम का मकसद अपने पूंजी आवंटन को मजबूती देना है। इन्फोसिस ने वित्त वर्ष 2025 से 2029 तक के लिए नीति बनाई है कि वह अपनी फ्री कैश फ्लो का 85 प्रतिशत हिस्सा निवेशकों को लौटाएगी।
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अब तक कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 में 52 प्रतिशत कैश फ्लो डिविडेंड के रूप में लौटाया है और अब बायबैक के जरिए निवेशकों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। इस बार बायबैक 10 करोड़ शेयरों का होगा, जो कंपनी की कुल चुकता पूंजी का लगभग 2.41 प्रतिशत है। इसका तरीका भी खास है क्योंकि यह टेंडर रूट से किया जा रहा है। टेंडर रूट का अर्थ है कि कंपनी एक निश्चित कीमत पर अपने शेयरधारकों से शेयर वापस खरीदने का ऑफर देती है और यह शेयरधारकों पर निर्भर करता है कि वे इस कीमत पर अपने शेयर बेचना चाहते हैं या नहीं। यह तरीका 2017 के बाद पहली बार अपनाया जा रहा है। इसके बाद के तीनों बायबैक ओपन मार्केट से हुए थे। रिकॉर्ड डेट यानी किस तारीख तक शेयरधारकों के नाम पर शेयर होने चाहिए, यह अभी तय नहीं हुई है।
निवेशकों के पास अभी समय है कि वे इस हिसाब से अपनी पोजीशन बना सकें। यह बायबैक कार्यक्रम शेयरधारकों की मंजूरी पर निर्भर करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस पूरी प्रक्रिया को पूरा होने में तीन से चार महीने का समय लग सकता है। ब्रोकरेज हाउस और विशेषज्ञ इस कदम को सकारात्मक मान रहे हैं। नोमुरा का कहना है कि इन्फोसिस हर साल 30,000 करोड़ रुपए से अधिक कैश फ्लो उत्पन्न करती है और लगभग 4.4 प्रतिशत का आकर्षक डिविडेंड यील्ड देती है। उनके मुताबिक कंपनी का टार्गेट प्राइज 1,880 रुपए रखा गया है और बायबैक से वित्त वर्ष 2026 में प्रति शेयर आय (ईपीएस) पर कोई बड़ा असर नहीं होगा। 1,800 रुपए का बायबैक मूल्य कंपनी के शेयर के लिए एक तरह का मनोवैज्ञानिक आधार बनेगा और लंबे समय के निवेशक इसे एक रेफरेंस पॉइंट मान सकते हैं।
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विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि अल्पकालिक चुनौतियों के बावजूद इन्फोसिस की बुनियाद मजबूत है। कंपनी के पास ठोस ऑर्डर पाइपलाइन, लगातार कैश फ्लो और वैश्विक स्तर पर विश्वसनीय आईटी साझेदार की छवि है। साथ ही, एआई और नई तकनीकों के बढ़ते उपयोग से भविष्य में इसके लिए नए अवसर भी पैदा होंगे। इसीलिए, प्रबंधन का मानना है कि बायबैक न सिर्फ निवेशकों को लाभ देगा बल्कि बाजार में कंपनी की स्थिति को भी और मजबूत करेगा। इन्फोसिस का यह बायबैक निवेशकों के लिए बड़ा अवसर है। यह बाजार को भरोसा भी दिलाता है कि कंपनी अपनी वित्तीय क्षमता और लंबी अवधि की वृद्धि की संभावनाओं को लेकर काफी आश्वस्त है।
डिस्क्लेमरः इस रिपोर्ट में जिन विशेषज्ञों की राय, सुझाव या अनुशंसाएं दी गई हैं, वे उन्हीं विशेषज्ञों की व्यक्तिगत राय हैं। इन विचारों, पूर्वानुमानों या सुझावों का पीपुल्स अपडेट से कोई लेना-देना नहीं है।