Shivani Gupta
11 Sep 2025
नई दिल्ली। भारत सरकार का खेल मंत्रालय दिसंबर 2025 तक नेशनल स्पोर्ट्स बोर्ड (NSB) का गठन करने जा रहा है। यह बोर्ड, राष्ट्रीय खेल प्रशासन कानून का सबसे अहम हिस्सा है। इसका काम देश की राष्ट्रीय खेल महासंघों को मान्यता देना, उनकी वित्तीय गतिविधियों पर नजर रखना और नियमों का पालन सुनिश्चित करना होगा। यानी, अब किसी भी खेल महासंघ को केंद्र सरकार से आर्थिक मदद लेने के लिए पहले एनएसबी से मान्यता लेनी अनिवार्य होगी। खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा है कि जनवरी 2026 के अंत तक इस कानून को पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा और नेशनल स्पोर्ट्स बोर्ड का गठन इस प्रक्रिया का सबसे बड़ा पड़ाव होगा। मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक तीन महीने के भीतर एनएसबी का गठन हो जाएगा और इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही इस कानून को लागू करने के लिए नियम और मानदंड भी तय किए जा रहे हैं।
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इस बोर्ड में एक चेयरपर्सन और अन्य सदस्य होंगे, जिनकी संख्या अभी तय नहीं हुई है। इन्हें केंद्र सरकार नियुक्त करेगी। शर्त यह होगी कि इन सदस्यों के पास खेल प्रशासन, खेल कानून, सार्वजनिक प्रशासन या खेल शासन का व्यावहारिक अनुभव और ईमानदारी के साथ काम करने की पहचान हो। इनकी नियुक्ति कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली सर्च-कम-सेलेक्शन कमेटी की सिफारिश पर होगी। बोर्ड के पास यह अधिकार होगा कि यदि कोई राष्ट्रीय महासंघ अपने कार्यकारिणी चुनाव समय पर नहीं कराता, या चुनाव प्रक्रिया में गंभीर गड़बड़ी करता है, तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाए। इसी तरह अगर कोई महासंघ वार्षिक ऑडिटेड अकाउंट्स प्रकाशित नहीं करता या सरकारी धन का दुरुपयोग करता है तो उसे भी निलंबित किया जा सकेगा। हालांकि, ऐसा कदम उठाने से पहले संबंधित अंतरराष्ट्रीय खेल निकाय से सलाह लेना आवश्यक होगा।
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इस पूरी प्रक्रिया के तहत सिर्फ एनएसबी ही नहीं, बल्कि नेशनल स्पोर्ट्स ट्रिब्यूनल और नेशनल स्पोर्ट्स इलेक्शन पैनल का भी गठन किया जा रहा है। ट्राइब्यूनल के पास सिविल कोर्ट जैसी सभी शक्तियां होंगी। इसका मकसद यह है कि खेल विवादों के मामलों को लंबे समय तक अदालतों में फंसने से बचाया जा सके। इस ट्राइब्यूनल में एक चेयरपर्सन और दो सदस्य होंगे। इसका प्रमुख या तो सुप्रीम कोर्ट का मौजूदा/सेवानिवृत्त जज होगा या किसी हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश। इसकी नियुक्ति केंद्र सरकार करेगी और इसके आदेशों को सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में ही चुनौती दी जा सकेगी। वहीं, नेशनल स्पोर्ट्स इलेक्शन पैनल में ऐसे लोग शामिल होंगे जो पहले चुनाव आयोग या राज्य चुनाव आयोग में सेवा दे चुके हैं या फिर मुख्य निर्वाचन अधिकारी या उप निर्वाचन आयुक्त रह चुके हैं और जिनके पास पर्याप्त अनुभव है। इस पैनल का उद्देश्य राष्ट्रीय खेल महासंघों के चुनाव को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना होगा।