Garima Vishwakarma
24 Dec 2025
हर साल 25 दिसंबर को पूरी दुनिया में क्रिसमस मनाया जाता है। यह ईसाई धर्म का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। इस दिन प्रभु यीशु मसीह के जन्म की खुशी में घरों को सजाया जाता है, चर्चों में प्रार्थनाएं होती हैं और बच्चे Santa Claus का इंतजार करते हैं। लेकिन अक्सर आपने देखा होगा कि लोग Christmas की जगह X-Mas लिखते हैं। बहुत से लोगों को लगता है कि यह बस क्रिसमस का छोटा रूप है, लेकिन सच्चाई इससे कहीं ज्यादा गहरी और दिलचस्प है। X-Mas के पीछे इतिहास, भाषा और धर्म तीनों की कहानी छिपी है।
सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि X कोई साधारण अंग्रेजी अक्षर नहीं है। यह ग्रीक भाषा के एक खास अक्षर से जुड़ा हुआ है।
ग्रीक भाषा में एक अक्षर होता है ‘ची’ (Chi), जो देखने पर X जैसा लिखा जाता है। यही अक्षर इस पूरी कहानी की जड़ है।
ग्रीक भाषा में Christ (क्राइस्ट) शब्द की शुरुआत इसी ‘ची’ अक्षर से होती है। यानी क्राइस्ट शब्द जो X जैसा दिखता है। इसी कारण पुराने समय से X को यीशु मसीह का प्रतीक माना जाने लगा। इसे आसान शब्दों में समझें तो
इस तरह X-Mas का मतलब हुआ ईसा मसीह का धार्मिक समारोह, जो पूरी तरह क्रिसमस के अर्थ से मेल खाता है।
आज हमारे पास मोबाइल, कंप्यूटर और प्रिंटर हैं, लेकिन पहले ऐसा नहीं था। मध्यकाल में हर चीज हाथ से लिखी जाती थी- चाहे वह धर्मग्रंथ हों, दस्तावेज हों या पत्र। जब बार-बार लंबे शब्द लिखने पड़ते थे, तो लोग उन्हें छोटा करने लगे। उसी दौर में धर्मग्रंथ लिखने वाले लोग Christ जैसे लंबे शब्द की जगह उसका पहला अक्षर ‘ची’ (X जैसा दिखने वाला) इस्तेमाल करने लगे।
11वीं शताब्दी तक आते-आते लोग Christmas को Xmas लिखने लगे। बाद में जब प्रिंटिंग प्रेस का दौर आया, तब भी यह चलन बना रहा। उस समय छपाई में जगह बहुत कीमती होती थी, इसलिए छोटे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता था। इसी वजह से X-Mas और ज्यादा प्रचलित हो गया।
कई लोग मानते हैं कि X-Mas लिखना क्रिसमस की धार्मिक भावना को कम करता है, लेकिन ऐसा नहीं है। असल में X-Mas में भी यीशु मसीह का ही संकेत छिपा है। यह शब्द उनकी पहचान और उनके नाम से जुड़ा हुआ है।
क्रिसमस ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि 25 दिसंबर को माता मरियम ने बेथलहम में यीशु को जन्म दिया था। लगभग 336 ईस्वी में रोमन सम्राट कॉन्स्टेंटाइन के समय से क्रिसमस को बड़े स्तर पर मनाया जाने लगा। इसके बाद यह त्योहार पूरी दुनिया में फैल गया।