Hindi News, Latest & Breaking News in Hindi | People's Update

People's Update

Loading...

PlayBreaking News

देश के विनिर्माण सेक्टर ने अगस्त माह में तोड़ा बीते 17 साल का रिकॉर्ड, 59.3 के स्तर पर पहु्चा पीएमआई

नई दिल्ली। अगस्त माह में भारत के विनिर्माण क्षेत्र ने बीते 17 वर्षों में सबसे तेज वृद्धि दर्ज की है। यह वृद्धि मुख्य रूप से मजबूत घरेलू मांग के कारण हुई है। एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) अगस्त में बढ़कर 59.3 पर पहुंच गया, जो फरवरी 2008 के बाद सबसे उच्च स्तर है। जुलाई में यह आंकड़ा 59.1 था। पीएमआई का 50 से ऊपर होना यह दिखाता है कि गतिविधियां बढ़ रही हैं, जबकि 50 से नीचे आने का मतलब होता है कि गतिविधियां घट रही हैं। इस तेज विकास का एक बड़ा कारण घरेलू मांग की मजबूती और विज्ञापन अभियानों की सफलता रही है। कंपनियों ने बताया कि ग्राहकों की मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बेहतर हुआ है, जिससे उत्पादन में तेजी आई है। नई ऑर्डर प्राप्ति में भी मज़बूती बनी रही, हालांकि निर्यात ऑर्डर में थोड़ी नरमी देखने को मिली। पिछले 5 महीनों में निर्यात ऑर्डर की यह सबसे धीमी वृद्धि थी, लेकिन ऐतिहासिक रूप से यह अभी भी मजबूत स्तर पर बनी हुई है।

ये भी पढ़ें: आरबीआई ने फॉरेक्स रिजर्व संरचना में किया बदलाव, यूएस ट्रेजरी बिल्स की हिस्सेदारी घटाई, सोने की बढ़ाई

घरेलू आर्डर्स ने विनिर्माण को दिया सहारा

हालांकि, अमेरिका द्वारा कपड़े, गहने, जूते, खेल सामग्री, फर्नीचर और रसायनों जैसी भारतीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगाने से भविष्य में निर्यात पर असर पड़ सकता है। अमेरिकी ग्राहकों द्वारा नए ऑर्डर देने में झिझक देखी जा रही है, जिससे निर्यात वृद्धि की रफ्तार कुछ धीमी पड़ी है। इसके बावजूद, घरेलू बाजार से मिल रहे लगातार ऑर्डर इस नकारात्मक प्रभाव की भरपाई कर रहे हैं। भारत की अर्थव्यवस्था अप्रैल से जून तिमाही में 7.8% की दर से बढ़ी, जो अनुमानित 6.7% से काफी अधिक है। इस अवधि में मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट में सालाना आधार पर 7.7% की बढ़ोतरी हुई, जबकि पिछली तिमाही में यह 4.8% थी। इसका मतलब है कि विनिर्माण क्षेत्र अब देश की आर्थिक वृद्धि में अहम योगदान दे रहा है, जो कि देश की जीडीपी का लगभग 17% हिस्सा है।

ये भी पढ़ें: एशियाई शेयर बाजार के शुरुआती कारोबार में मिश्रित रुझान, जापान-कोरियाई बाजारों में गिरावट, हांगकांग में तेजी

इनपुट-आउटपुट लागतें 3 माह के उच्च स्तर पर 

कंपनियों ने लगातार 18वें महीने कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि की है, लेकिन अगस्त में यह वृद्धि पिछले साल नवंबर के बाद सबसे धीमी रही। इसके बावजूद, यह दीर्घकालिक औसत से अधिक है, जो बताता है कि रोजगार सृजन अभी भी बेहतर स्थिति में है। महंगाई के मोर्चे पर भी दबाव बढ़ा है। इनपुट और आउटपुट की लागतें दोनों ही तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। खासकर स्टील, चमड़ा, इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स जैसी चीजों की कीमतें बढ़ी हैं। कंपनियों ने बढ़ती लागत को ग्राहकों पर डालते हुए अपने प्रोडक्ट्स की कीमतें भी बढ़ाई हैं। अंत में, अगस्त में कारोबारी आत्मविश्वास में सुधार देखा गया है। जुलाई में यह तीन साल के निचले स्तर पर था, लेकिन अब मांग में मजबूती के कारण फिर से भरोसा लौट रहा है, भले ही अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से भविष्य की संभावनाओं पर थोड़ा दबाव हो सकता है। इस रिपोर्ट से स्पष्ट है कि भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर फिलहाल तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।

Indian EconomyEconomic IndicatorsPMI Hits 17 Year HighManufacturing Growth
Aniruddh Singh
By Aniruddh Singh
नई दिल्ली
--°
बारिश: -- mmह्यूमिडिटी: --%हवा: --
Source:AccuWeather
icon

Latest Posts