Aniruddh Singh
20 Oct 2025
Aniruddh Singh
20 Oct 2025
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20 Oct 2025
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20 Oct 2025
Aniruddh Singh
19 Oct 2025
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19 Oct 2025
नई दिल्ली। अगस्त माह में भारत के विनिर्माण क्षेत्र ने बीते 17 वर्षों में सबसे तेज वृद्धि दर्ज की है। यह वृद्धि मुख्य रूप से मजबूत घरेलू मांग के कारण हुई है। एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) अगस्त में बढ़कर 59.3 पर पहुंच गया, जो फरवरी 2008 के बाद सबसे उच्च स्तर है। जुलाई में यह आंकड़ा 59.1 था। पीएमआई का 50 से ऊपर होना यह दिखाता है कि गतिविधियां बढ़ रही हैं, जबकि 50 से नीचे आने का मतलब होता है कि गतिविधियां घट रही हैं। इस तेज विकास का एक बड़ा कारण घरेलू मांग की मजबूती और विज्ञापन अभियानों की सफलता रही है। कंपनियों ने बताया कि ग्राहकों की मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बेहतर हुआ है, जिससे उत्पादन में तेजी आई है। नई ऑर्डर प्राप्ति में भी मज़बूती बनी रही, हालांकि निर्यात ऑर्डर में थोड़ी नरमी देखने को मिली। पिछले 5 महीनों में निर्यात ऑर्डर की यह सबसे धीमी वृद्धि थी, लेकिन ऐतिहासिक रूप से यह अभी भी मजबूत स्तर पर बनी हुई है।
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हालांकि, अमेरिका द्वारा कपड़े, गहने, जूते, खेल सामग्री, फर्नीचर और रसायनों जैसी भारतीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगाने से भविष्य में निर्यात पर असर पड़ सकता है। अमेरिकी ग्राहकों द्वारा नए ऑर्डर देने में झिझक देखी जा रही है, जिससे निर्यात वृद्धि की रफ्तार कुछ धीमी पड़ी है। इसके बावजूद, घरेलू बाजार से मिल रहे लगातार ऑर्डर इस नकारात्मक प्रभाव की भरपाई कर रहे हैं। भारत की अर्थव्यवस्था अप्रैल से जून तिमाही में 7.8% की दर से बढ़ी, जो अनुमानित 6.7% से काफी अधिक है। इस अवधि में मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट में सालाना आधार पर 7.7% की बढ़ोतरी हुई, जबकि पिछली तिमाही में यह 4.8% थी। इसका मतलब है कि विनिर्माण क्षेत्र अब देश की आर्थिक वृद्धि में अहम योगदान दे रहा है, जो कि देश की जीडीपी का लगभग 17% हिस्सा है।
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कंपनियों ने लगातार 18वें महीने कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि की है, लेकिन अगस्त में यह वृद्धि पिछले साल नवंबर के बाद सबसे धीमी रही। इसके बावजूद, यह दीर्घकालिक औसत से अधिक है, जो बताता है कि रोजगार सृजन अभी भी बेहतर स्थिति में है। महंगाई के मोर्चे पर भी दबाव बढ़ा है। इनपुट और आउटपुट की लागतें दोनों ही तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। खासकर स्टील, चमड़ा, इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स जैसी चीजों की कीमतें बढ़ी हैं। कंपनियों ने बढ़ती लागत को ग्राहकों पर डालते हुए अपने प्रोडक्ट्स की कीमतें भी बढ़ाई हैं। अंत में, अगस्त में कारोबारी आत्मविश्वास में सुधार देखा गया है। जुलाई में यह तीन साल के निचले स्तर पर था, लेकिन अब मांग में मजबूती के कारण फिर से भरोसा लौट रहा है, भले ही अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से भविष्य की संभावनाओं पर थोड़ा दबाव हो सकता है। इस रिपोर्ट से स्पष्ट है कि भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर फिलहाल तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।