Shivani Gupta
12 Dec 2025
रवीन्द्र मिश्र, नई दिल्ली। अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान सुंदरलाल पटवा सरकार में मंत्री रहे बृजमोहन अग्रवाल 8 बार के विधायक रहते हुए 5 बार मंत्री रहे हैं। वे अभी रायपुर से सांसद हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा ने अग्रवाल की कार्यक्षमता, संसदीय ज्ञान, व्यवहार, जन समस्याओं को लेकर सदन में सक्रियता के कारण 1997 में उत्कृष्ट विधायक घोषित किया था। उनकी कार्यशैली जनोपयोगी की है जिससे हर चुनाव में उनका परचम लहराता ही रहा है। प्रस्तुत है उनसे बातचीत के कुछ अंश-
प्रश्न : छत्तीसगढ़ में जमीन के सर्किल रेट पर कलेक्टर की गाइड लाइन को लेकर बवाल मचा हुआ है। आपने भी मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी थी, मामला क्या है?
जवाब : पूरे हिन्दुस्तान में और छत्तीसगढ जैसे विकसित राज्य में अगर पूरी अर्थव्यवस्था कहीं घूमती है तो वह रियल एस्टेट के विकास, आम आदमी के मकान बनाने, प्लॉट खरीदने के आसपास घूमती है और उससे न सिर्फ बाजार में पैसा आता है बल्कि सरकार को भी विभिन्न माध्यमों से पैसा मिलता है। लेकिन अचानक जमीनों के रेट में बेतहाशा वृद्धि कर दी गई, उससे छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में भूचाल आ गया और जमीनों की खरीद-बिक्री बंद हो गई। जबकि आम आदमी का एक सपना होता है कि उसका एक प्लॉट हो, मकान हो, लेकिन उसके सामने संकट खड़ा हो गया। ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मैंने कहा कि इस पर एक उच्च स्तरीय समिति गठित करते हुए पुनर्विचार होना चाहिए। मुझे इस बात का संतोष है कि मुख्यमंत्री ने इसे संज्ञान में लिया और कुछ सुधार किया है, लेकिन वह नाकाफी है। जो सुधार हुए हैं वह बड़े बिल्डर के लिए किए गए हैं, आम आदमी के लिए नहीं है जिससे कि आम आदमी के घर का जो सपना है वह पूरा हो सके। जो किसान हैं उनकी भी जमीनें बिकना बंद हो जाएंगी। इससे छत्तीसगढ़ के लगभग सभी शहर के साथ जो कस्बे हैं उनका विकास भी पूरी तरह से रुक जाएगा।

प्रश्न : क्या छत्तीसगढ़ राज्य के गठन से पहले जिस तरह की कल्पना की गई थी, वैसा प्रदेश बन सका है?
जवाब : निश्चित रूप से। जब छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश में होता था। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से बस्तर की दूरी 1200 किमी और रायपुर से 700 किमी होती थी तो विकास के काम जितनी तेजी से होना चाहिए वह नहीं होता था। आज छत्तीसगढ़ देश के सबसे तेजी से विकसित होने वाले राज्यों में है, रायपुर सबसे तेजी से विकसित होने वाले शहरों में है। इसके साथ जो 3 राज्य बने थे उनमें से छत्तीसगढ़ सबसे बेहतर राज्य है।

प्रश्न : छत्तीसगढ़ को कभी धान का कटोरा कहा जाता था, लेकिन आज वहां भ्रष्टाचार की चर्चा जोरों पर है..?
जवाब : छत्तीसगढ़ आज भी धान का कटोरा है। जब राज्य बना तो 50 लाख टन धान पैदा होता था आज 150 लाख टन तक धान पैदा हो रहा है। इसलिए धान का कटोरा आज भी है, लेकिन 5 साल जो कांग्रेस की सरकार रही है उसने भ्रष्टाचार का कटोरा बना दिया। चाहे वह सीमेंट, शराब, डीएमएफ, धान घोटाला हो उसके कारण छत्तीसगढ़ बदनाम हो गया था।

प्रश्न : राज्य में नौकरशाही हावी है, वरिष्ठ आदिवासी नेता कलेक्टर के खिलाफ धरने पर बैठे हैं, लेकिन कोरबा में आज भी कलेक्टर जमा हुआ है?
जवाब : यह सब चीजें तो राजनीति में चलती रहती है, लेकिन आज जो राजनीति के जो लोग सरकार में बैठे हैं उनको यह तय करना होगा कि नेताओं को हर 5 साल में जनता के बीच जाना होता है। इसलिए राजनेताओं की जवाबदेही है कि हमको अफसरशाही न चलाए, अफसरशाही को हम चलाए, यह सत्ता में बैठे लोगों को सोचना पड़ेगा और करना पड़ेगा।
प्रश्न : राज्य में वरिष्ठों को दरकिनार किया गया है जैसे अमर अग्रवाल, राजेश मूणत और भैयालाल रजवाड़े, इसको कैसे देखते हैं आप?
जवाब : राजनीति में कोई किसी को दरकिनार नहीं कर सकता है। आपकी जो सक्रियता है वह आपको जीवित रखती है। जो नया खून वह तो हमेशा आना चाहिए। बहते हुए पानी को जानवर पीता है जो पानी रुक जाता है उसे जानवर भी नहीं पीता है। इसलिए जो सक्रियता है वह आपको जीवित रखनी चाहिए।

प्रश्न : आपकी जीत के पीछे के कारण क्या है जो मतदाताओं के बीच आपको लोकप्रिय बनाए हुए हैं?
जवाब : मैं यह मानता हूं कि जो पद और प्रतिष्ठा आज है वह कल नहीं होगी, लेकिन आपके जो संबंध, व्यवहार, आपका जो काम है वह हमेशा रहेगा। जब आप मंत्री, विधायक या सांसद बन जाते हैं तो आपमें कोई घमंड नहीं आना चाहिए। आप लोगों के लिए वैसे ही उपलब्ध हों जैसे आप सामान्य दिनों में लोगों के लिए उपलब्ध रहते हों। मैं हमेशा लोगों के दुख-दर्द में शामिल होता रहा हूं। मैं रात को 2 बजे भी किसी के यहां शादी होती है, किसी के यहां कोई मृत्यु हो गई है तो जाता हूं।

प्रश्न : आपको विधायी कार्य का लंबा अनुभव है, लेकिन संसद में आप किस रूप में याद किए जाएंगे?
जवाब : अभी मैं संसद में याद करने लायक नहीं बना हूं। अभी विधायकी के कार्यकाल में 34 साल के कार्यकाल में 8 बार विधायक रहते हुए और 5 बार मंत्री रहते हुए जो काम किया है, जनता का जो प्यार और आशीर्वाद मिला है वह मेरे लिए बहुत बड़ी ताकत है। संसद में तो मैं अभी नया-नया आया हूं, डेढ़ साल भी नहीं हुए हैं। यहां तो मैं संसद के अनुरूप अपने को ढाल रहा हूं और मैं यहां सीखने की कोशिश कर रहा हूं।
