एशियाई शेयर बाजार के शुरुआती कारोबार में मिश्रित रुझान, जापान-कोरियाई बाजारों में गिरावट, हांगकांग में तेजी
नई दिल्ली। एशियाई शेयर बाजारों में सोमवार के शुरुआती कारोबार में मिश्रित रुझान देखने को मिला। जापान और दक्षिण कोरिया के शेयर बाजारों में तेज गिरावट देखने को मिली, जबकि हांगकांग के शेयरों ने मजबूत बढ़त दिखाई। इस गिरावट की मुख्य वजह अमेरिकी टेक कंपनियों में पिछले हफ्ते आई गिरावट रही है, जिसका असर एशियाई तकनीकी शेयरों पर देखने को मिला। वॉल स्ट्रीट पर टेक सेक्टर के कमजोर प्रदर्शन ने निवेशकों के बीच चिंता पैदा कर दी और एशियाई बाजारों में बिकवाली का माहौल बन गया। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स शुरुआती कारोबार में लगभग 2% लुढ़क गया। इसमें सबसे बड़ी गिरावट टेक्नोलॉजी और निर्यात से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में दर्ज की गई। एडवांटेस्ट कॉर्प के शेयरों में 9% से अधिक की बड़ी गिरावट देखी गई, जबकि सॉफ्टबैंक ग्रुप के शेयर करीब 7% टूट गए। जापान का व्यापक टॉपिक्स इंडेक्स भी 0.8% नीचे चला गया।
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दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स भी दबाव में रहा और इसमें 1.1% की गिरावट दर्ज की गई। यहां की बड़ी कंपनियों जैसे सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स और एसके हाइनिक्स के शेयर क्रमशः 2.5% और 4.5% तक टूट गए। पिछले हफ्ते अमेरिकी सरकार ने सैमसंग और एसके हाइनिक्स को उनके चीन स्थित सेमीकंडक्टर संयंत्रों के लिए जरूरी उपकरण हासिल करने की मंजूरी वापस ले ली। इस कदम से निवेशकों की चिंता और बढ़ गई और दक्षिण कोरिया के टेक शेयरों पर इसका सीधा असर दिखाई दिया। ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी/एएसएक्स 200 इंडेक्स भी 0.7% गिर गया, जबकि सिंगापुर का स्ट्रेट्स टाइम्स इंडेक्स लगभग स्थिर रहा। इसके विपरीत भारत के सेंसेक्स और निफ्टी इंडेक्स बढ़त के साथ हरे निशान में कारोबार करते दिखाई दिए, जिससे यह संकेत मिला कि भारतीय बाजारों में निवेशकों का भरोसा अपेक्षाकृत बेहतर है।
दूसरी ओर, हांगकांग के शेयरों में तेज उछाल देखने को मिली। हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स लगभग 2% चढ़ गया और क्षेत्रीय बाजारों में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया। इसकी मुख्य वजह चीन की फैक्ट्री गतिविधि से जुड़े आंकड़े रहे हैं। एक निजी सर्वेक्षण के अनुसार अगस्त माह में चीन का विनिर्माण क्षेत्र पांच माह में सबसे तेजी से बढ़ा है। ये आंकड़े ऐसे समय में आए हैं, जब अमेरिका और चीन के बीच व्यापार से जुड़ी तनातनी में कुछ नरमी देखने को मिल रही है। हालांकि आधिकारिक आंकड़े अभी भी यह दिखाते हैं कि चीन का विनिर्माण क्षेत्र लगातार 5वें महीने सिकुड़ रहा है, लेकिन निजी सर्वेक्षण से मिले संकेतों ने निवेशकों में उम्मीद जगाई है। इसका असर शंघाई कंपोजिट इंडेक्स और सीएसआई 300 इंडेक्स पर सीमित रहा, जहां मामूली बदलाव दर्ज किए गए।
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हांगकांग के निवेशकों ने इसे चीन की औद्योगिक मांग में संभावित सुधार का शुरुआती संकेत माना और शेयरों में जबरदस्त खरीदारी की। कुल मिलाकर एशियाई बाजारों की स्थिति यह रही कि जहां जापान और दक्षिण कोरिया जैसे बड़े बाजार अमेरिकी टेक सेक्टर की कमजोरी और व्यापारिक अनिश्चितताओं से दबाव में दिखाई दिए, वहीं हांगकांग में चीन से जुड़े सकारात्मक संकेतों ने नई ऊर्जा भर दी है। निवेशकों की नजर अब अमेरिकी रोजगार और आर्थिक आंकड़ों पर टिक गई हैं, जो आने वाले दिनों में वैश्विक बाजारों की दिशा तय कर सकते हैं। फिलहाल तस्वीर यही बताती है कि एशियाई बाजारों में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं का असर तेजी से देखने को मिल रहा है।