Aniruddh Singh
10 Oct 2025
न्यूयॉर्क। शेयर बाजार में शुक्रवार को मिले-जुले नतीजे देखने को मिले। ब्लू-चिप डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज दिन के दौरान रिकॉर्ड स्तर छूने के बाद मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ। इसकी बड़ी वजह थी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी यूनाइटेडहेल्थ के शेयरों में तेज़ उछाल, जो करीब 12% तक बढ़े। यह मार्च 2020 के बाद कंपनी का सबसे बड़ा एकदिवसीय उछाल था। इस तेजी के पीछे वॉरेन बफेट की बर्कशायर हैथवे द्वारा कंपनी में नई हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा और निवेशक माइकल बरी की फर्म स्कायन एसेट मैनेजमेंट का अधिक बुलिश रुख अपनाना मुख्य कारण रहे। हालांकि हेल्थकेयर सेक्टर की इस मजबूती के बावजूद अन्य प्रमुख सूचकांकों में गिरावट देखी गई। एसएंडपी 500 में 0.29% और नैस्डैक में 0.40% की गिरावट आई। जबकि डाउ जोन्स 34.86 अंकों या 0.08% की मामूली बढ़त के साथ 44,946.12 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 का स्तर 6,449.80 और नैस्डैक 21,622.98 पर आ गया।
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हेल्थकेयर सेक्टर कुल मिलाकर 1.65% चढ़ा और अक्टूबर 2022 के बाद अपनी सर्वश्रेष्ठ साप्ताहिक बढ़त दर्ज की। बाजार में यह उतार-चढ़ाव अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आगामी नीतिगत बैठक को लेकर बनी अनिश्चितता के कारण रहा। निवेशकों को उम्मीद है कि सितंबर में फेड 25 बेसिस पॉइंट की ब्याज दर कटौती कर सकता है। दरअसल, हाल के महीनों में अमेरिकी श्रम बाज़ार की कमजोरी और यह तथ्य कि टैरिफ़-प्रेरित महंगाई अभी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में पूरी तरह परिलक्षित नहीं हुई है, इस धारणा को बल देता है कि फेड नरम रुख अपना सकता है। हालांकि फेड पिछली बार दिसंबर में ही दरें घटा चुका है और उसने यह भी कहा था कि अमेरिका के टैरिफ़ दबाव बढ़ा सकते हैं। विश्लेषकों का कहना है कि निवेशक इस समय कुछ हद तक आत्मसंतुष्ट दिख रहे हैं। शेयर बाज़ार में अस्थिरता बहुत कम है और वैल्यूएशन अपेक्षाकृत महंगे स्तर पर बने हुए हैं। यह स्थिति भविष्य में अचानक झटका देने वाली भी साबित हो सकती है।
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विशेषज्ञ जो सलुजी ने कहा कि बाजार ने सितंबर की दर कटौती को पहले से ही काफी हद तक दामों में शामिल कर लिया है, लेकिन असली जोखिमों को नजरअंदाज किया जा रहा। आर्थिक आंकड़े भी मिश्रित रहे। जुलाई में खुदरा बिक्री उम्मीद के मुताबिक रही, लेकिन उपभोक्ता विश्वास और फैक्ट्री उत्पादन के आंकड़े टैरिफ के नकारात्मक असर को दिखा रहे थे। एक अन्य विशेषज्ञ एरिक टील ने कहा कि हाल में आए तेज उछाल के बाद यह एक सामान्य गिरावट है और असली तस्वीर तब साफ होगी जब व्यक्तिगत उपभोग व्यय (पीसीई) के आंकड़े आएंगे, जिन्हें फेड अधिक महत्व देता है। यह सूचक हाल में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) से भी ज्यादा गर्म दिखा है। इसके अलावा निवेशकों की नज़र अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बैठक पर भी टिकी रही। उम्मीद है कि यह बैठक यूक्रेन युद्ध के समाधान और तेल की कीमतों के भविष्य को लेकर दिशा तय कर सकती है।