सीमेंट उद्योग में जीएसटी की दर 28% से घटाकर 18% करने से अंबुजा, एसीसी व अन्य कंपनियों के शेयरों में 4% तक की तेजी
मुंबई। जीएसटी काउंसिल ने सीमेंट पर कर दर 28% से घटाकर 18% कर दी है, जिसके बाद सीमेंट कंपनियों के शेयरों में तेजी देखने को मिली। यह फैसला 22 सितंबर 2025 से लागू होगा और इसमें पोर्टलैंड सीमेंट, एल्युमिनस सीमेंट, स्लैग सीमेंट, सुपर सल्फेट सीमेंट और इसी प्रकार के हाइड्रोलिक सीमेंट शामिल हैं। पहले इन्हें सबसे ऊंचे कर स्लैब 28% में रखा गया था, लेकिन अब 18% दर पर कर लगाने से उद्योग को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। फैसले की घोषणा के बाद गुरुवार 4 सितंबर को अंबुजा सीमेंट्स के शेयर 3.8% चढ़कर 595.65 रुपए पर पहुंच गए, जबकि एसीसी लिमिटेड के शेयर 2.4% बढ़कर 1,886.85 रुपए पर बंद हुए।
निर्माण गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा
अल्ट्राटेक सीमेंट 3% का शेयर मजबूती के साथ 13,101.80 रुपए पर बंद हुआ और श्री सीमेंट में 2.75% की बढ़त दर्ज की गई। कंपनी का शेयर 30,745 रुपए तक पहुंच गया। जीएसटी दरों में इस कटौती से सीमेंट की लागत घटेगी, जिससे बुनियादी ढांचे और निर्माण गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। रियल एस्टेट और औद्योगिक क्षेत्र को भी इसमें राहत मिलेगी क्योंकि सीमेंट की ऊंची कीमतें इन क्षेत्रों के लिए बड़ी बाधा रही हैं। सरकार के इस कदम को अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार का हिस्सा माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य कर ढांचे को अधिक सरल, न्यायसंगत और विकासोन्मुख बनाना है। पीएम नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को इसकी घोषणा की थी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल ने इसे अमल में लाया।
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लंबे समय से कटौती की मांग कर रहा था सीमेंट उद्योग
सीमेंट उद्योग लंबे समय से जीएसटी कटौती की मांग कर रहा था। यह उद्योग ऊर्जा और कच्चे माल का सबसे बड़ा उपभोक्ता है और ऊंचे कर भार ने इसकी लागत और मार्जिन पर दबाव बना रखा था। अब कर दर 18% होने से न केवल सीमेंट के खुदरा दाम घटने की संभावना है बल्कि उपभोक्ताओं और संस्थागत खरीदारों की मांग भी बढ़ेगी। यह बदलाव सरकार की आवासीय और आधारभूत ढांचा परियोजनाओं, को भी गति देगा। वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी जेफरीज ने इस फैसले को सीमेंट उद्योग के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित सुधार बताया है। उनका कहना है कि यह कदम उद्योग की बुनियादी संरचना को मजबूत करेगा और मुनाफाखोरी की क्षमता बढ़ाएगा।
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कोयले पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा कर पाएंगी कंपनियां
हालांकि, जेफरीज को नहीं लगता कि केवल कीमत कम होने से मांग में बड़ी छलांग लगेगी, लेकिन नई दर प्रणाली से कीमतों में अनुशासन आएगा और मुनाफे की स्थिति मध्यम अवधि में बेहतर होगी। जेफरीज ने यह भी बताया कि अब कंपनियां कोयले पर पूर्ण इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा कर पाएंगी, क्योंकि कोयले पर जीएसटी दर 5% से बढ़ाकर 18% कर दी गई है। इससे आउटपुट और इनपुट टैक्स दरों का संतुलन बनेगा और कंपनियों की कार्यशील पूंजी में सुधार होगा। हालांकि, कुछ कंपनियों को एसजीएसटी प्रोत्साहन आय में हल्की कमी का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन कुल मिलाकर प्रभाव सकारात्मक ही रहेगा।