नई दिल्ली। भारत में ठंड को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बड़ा अपडेट जारी किया है। मौसम विभाग ने साफ कहा है कि, इस बार देश में कड़ाके की ठंड नहीं पड़ेगी। सर्दी सामान्य रहेगी और नवंबर में कई हिस्सों में हल्की बारिश भी देखने को मिलेगी।
IMD के महानिदेशक (DG) मृत्युंजय मोहापात्रा ने बताया कि, प्रशांत महासागर के भूमध्यरेखीय हिस्से में इस समय ला नीना की स्थिति कमजोर है और यह स्थिति आगे भी बनी रह सकती है। ला नीना सामान्य से ठंडे समुद्री तापमान को दर्शाता है, जिससे वैश्विक मौसम पैटर्न प्रभावित होता है। हालांकि, इस बार इसका प्रभाव बहुत कम है यानी न बहुत ठंड, न बहुत गर्मी। डॉ. मोहापात्रा ने कहा कि, हमारे मॉडल्स के अनुसार इस बार सर्दी सामान्य रहेगी, बहुत ज्यादा ठंड नहीं पड़ेगी।
IMD के पूर्वानुमान के मुताबिक, इस बार दिन का तापमान सामान्य से थोड़ा कम रहेगा जबकि रात का तापमान सामान्य से ज्यादा रह सकता है। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में रातें ठंडी रहेंगी, लेकिन उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड जैसी स्थिति नहीं बनेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि, जब पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव होंगे, तब पहाड़ों से आने वाली ठंडी हवाओं का प्रवाह कुछ समय के लिए रुक जाएगा। इससे न्यूनतम तापमान बहुत नीचे गिरने की संभावना नहीं रहेगी।
अक्टूबर 2025 पिछले पांच सालों में दूसरा सबसे ज्यादा बारिश दर्ज करने वाला महीना रहा। देशभर में 112.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 49% अधिक है। इस दौरान कुल 236 बार भारी वर्षा और 45 बार अति-भारी वर्षा की घटनाएं दर्ज हुईं। जिनमें बिहार, उत्तर बंगाल, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश सबसे अधिक प्रभावित रहे।
IMD का अनुमान है कि, नवंबर में भी सामान्य या उससे अधिक बारिश हो सकती है। वहीं उत्तर-पश्चिम भारत और दक्षिण के कुछ हिस्सों में बारिश थोड़ी कम रहेगी।
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में नवंबर के पहले सप्ताह में हल्की बर्फबारी और बारिश की संभावना है। IMD के अनुसार, 4 और 5 नवंबर को ताबो और कुकुमसेरी जैसे इलाकों में तापमान माइनस में जा सकता है। कुकुमसेरी में न्यूनतम तापमान -1.2°C और ताबो में -0.8°C दर्ज हुआ है। हालांकि, यह बर्फबारी सीमित रहेगी और मैदानों में इसका बहुत बड़ा असर नहीं दिखेगा।
ला नीना वह स्थिति है जब प्रशांत महासागर का पानी सामान्य से ठंडा हो जाता है। इससे वैश्विक हवाओं का पैटर्न बदलता है और कई देशों में बारिश या ठंड पर असर पड़ता है। भारत में आम तौर पर ला नीना के दौरान बारिश ज्यादा होती है, लेकिन इस बार इसका असर कमजोर रहेगा। इसके साथ ही इंडियन ओशन डाइपोल (IOD) में भी सुधार हो रहा है, जिससे मौसम संतुलित बना रहेगा।
दिल्ली में दिवाली के बाद से वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार खराब रहा है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों में हवा की दिशा बदलने और हल्की बारिश की वजह से प्रदूषण में मामूली कमी आई है। फिर भी विशेषज्ञों का कहना है कि, जब तक ठंडी हवाएं स्थिर नहीं होतीं, प्रदूषण का स्तर ऊंचा बना रहेगा।