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वाशिंगटन। वैश्विक शेयर बाजारों में बुधवार को मिश्रित रुख देखने को मिल रहा है, क्योंकि निवेशक एक साथ कई बड़े घटनाक्रमों का इंतजार कर रहे हैं-अमेरिका की प्रमुख तकनीकी कंपनियों के तिमाही नतीजे, फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों पर नीति घोषणा और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दक्षिण कोरिया यात्रा, जहां उनकी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात होनी है। इनका असर विश्व बाजारों पर पड़ना तय है। इससे पहले अमेरिकी फ्यूचर्स में हलचल देखने को मिली। डाउ जोंस फ्यूचर्स 0.1% गिर गया, जबकि एसएंडपी 500 फ्यूचर्स में 0.2% और नैस्डैक फ्यूचर्स में 0.4% की बढ़त दर्ज की गई। मंगलवार को वॉल स्ट्रीट के प्रमुख सूचकांक लगातार तीसरे दिन रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए, जिसमें सबसे बड़ा योगदान एआई क्षेत्र की अग्रणी कंपनी एनवीडिया का रहा। एनवीडिया ने घोषणा की कि उसे अपने एआई प्रोसेसर के लिए 500 अरब डॉलर के ऑर्डर मिले हैं।
एनविडिया ने बताया कि वह अमेरिकी ऊर्जा विभाग के लिए सात नए सुपरकंप्यूटर बनाएगी। इस घोषणा के बाद कंपनी का शेयर लगभग 5% बढ़ गया और यह इतिहास में 5 ट्रिलियन डॉलर मूल्य वाली पहली कंपनी बनने के करीब पहुंच गई। अब निवेशकों का ध्यान एनवीडिया की तर्ज पर अन्य मेगा-टेक कंपनियों के तिमाही नतीजों पर है। आज रात वॉल स्ट्रीट बंद होने के बाद माइक्रोसॉफ्ट, मेटा प्लेटफॉर्म्स (इंस्टाग्राम की मूल कंपनी) और गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट अपने नतीजे जारी करेंगी। इनके बाद गुरुवार को एप्पल और अमेजन अपने परिणाम पेश करेंगे। इन पांचों कंपनियों का मार्केट कैप इतना बड़ा है कि इनके नतीजे अमेरिकी शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे। इन कंपनियों के निवेशकों की नजर विशेष रूप से उनके एआई निवेश और पूंजीगत खर्च की योजनाओं पर है, क्योंकि यह तय करेगा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता की दौड़ में कौन कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
इसी बीच, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दो दिवसीय बैठक के बाद आज ब्याज दरों पर फैसला आने वाला है। बाजार में आम उम्मीद है कि फेड 25 बेसिस पॉइंट की दर कटौती करेगा। अब निवेशक यह जानना चाहते हैं कि क्या दिसंबर में एक और कटौती की संभावना है या नहीं। हाल में जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आंकड़ों से पता चला कि अमेरिका में मुद्रास्फीति में थोड़ी नरमी आई है, हालांकि यह राष्ट्रपति ट्रंप की नई टैरिफ नीतियों से प्रभावित रही। इसके अलावा, हालिया सरकारी शटडाउन के कारण रोजगार से जुड़े आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं हो पाए, जिससे फेड के पास सीमित डेटा है। इसीलिए, नीति निर्धारक फिलहाल अन्य आर्थिक संकेतों पर निर्भर हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस समय एशिया दौरे पर हैं और दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति ली जे म्यंग से मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने संकेत दिया है कि दक्षिण कोरिया के साथ व्यापार समझौते की दिशा में प्रगति हो सकती है, हालांकि आधिकारिक सूत्रों ने किसी बड़े समझौते की संभावना को नकारा है। ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात गुरुवार को बुसान में होने की संभावना है। ट्रंप ने कहा कि यह बैठक अमेरिका-चीन व्यापार तनाव को कम कर सकती है, जिसमें अमेरिका चीन पर लगाए गए ऊंचे टैरिफ घटाने के बदले फेंटानिल रसायनों के निर्यात पर चीन से सख्त प्रतिबंध की मांग कर सकता है। ट्रंप ने यह भी कहा कि वह एनवीडिया के अत्याधुनिक ब्लैकवेल एआई चिप्स के निर्यात प्रतिबंध के मुद्दे पर भी शी से चर्चा करेंगे, जो दोनों देशों के बीच एक प्रमुख विवाद का विषय रहा है।
सोने की कीमतों में भी आज उछाल देखने को मिला। तीन हफ्ते के निचले स्तर से उभरते हुए सोना 1.5% बढ़कर 4,010 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया। अमेरिकी सोना वायदा भी 1% बढ़कर 4,023 डॉलर पर पहुंच गया। हाल के दिनों में अमेरिका-चीन संबंधों में नरमी की उम्मीदों के चलते सोने की सेफ-हेवन मांग में कमी आई थी, लेकिन फेड द्वारा संभावित ब्याज दर कटौती की अटकलों ने कीमतों को सहारा दिया है। कुल मिलाकर, वैश्विक बाजारों में आज का दिन अत्यंत निर्णायक साबित हो सकता है। यदि फेड ब्याज दरों में नरमी और भविष्य की लचीली नीति का संकेत देता है, तो बाजार में नई तेजी देखने को मिल सकती है। वहीं, ट्रंप और शी की संभावित बैठक यदि सकारात्मक रहती है, तो यह न केवल व्यापारिक तनाव को कम करेगी बल्कि निवेशकों की जोखिम लेने की क्षमता को भी बढ़ा सकती है।