Naresh Bhagoria
17 Dec 2025
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को सदन में कांग्रेस विधायकों ने हंगामा कर दिया। नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ED की कार्रवाई के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कांग्रेस के सभी विधायक सत्यमेव जयते की तख्ती लेकर सदन में पहुंचे। वहीं विधानसभा की कार्यवाही के दौरान भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच काफी बहस हुई। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। इस पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कड़ी आपत्ति जताई और आरोपों को बेबुनियाद बताया।
कांग्रेस ने जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया, जिसे आसंदी ने अस्वीकार कर दिया। स्थगन अस्वीकार होते ही सदन में जोरदार नारेबाजी शुरू हो गई। विपक्षी विधायक ‘सत्यमेव जयते’, ‘जांच एजेंसियों का दुरुपयोग बंद करो’, ‘भारत माता की जय’ और ‘महात्मा गांधी की जय’ के नारे लगाते हुए गर्भगृह की ओर बढ़ गए। गर्भगृह में पहुंचने पर आसंदी ने इसे सदन की मर्यादा के खिलाफ बताते हुए विपक्ष के 34 सदस्यों को सस्पेंड कर दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शून्यकाल के दौरान एजेंसियों के गलत उपयोग का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि जांच एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष का गला घोंटने के लिए किया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि गवाहों के बयान राज्य की आर्थिक अपराध शाखा ने अपने कार्यालय में पहले से तैयार किए गए थे और बाद में जांच के दौरान उन्हें असली दस्तावेजों के रूप में पेश किया गया, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। यहां तक कि गवाहों को भी डराया जा रहा है।
अपने बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए बघेल ने कहा कि यह कार्रवाई तब की गई जब कांग्रेस विधायकों ने तमनार में पेड़ों की कटाई का विरोध किया था। बघेल ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई का भी हवाला दिया, और दावा किया कि यह विपक्ष को दबाने की कोशिश थी।