एसी-टीवी, बाइक, सिलाई मशीन समेत खाने-पीने के सामान होंगे सस्ते, 22 से लागू होंगी जीएसटी की नई दरें
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में केंद्र सरकार के अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में बदलावों को मंजूरी दे दी गई है। अब जीएसटी संग्रह चार स्लैब की जगह दो स्लैब में किया जाएगा। 22 सितंबर से लागू होने वाले इन बदलावों का सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा। नई व्यवस्था में मेरिट गुड्स यानी जरूरी वस्तुओं को 5% टैक्स स्लैब के दायरे में लाया गया है, जबकि अधिकांश अन्य वस्तुओं और सेवाओं पर 18% की मानक टैक्स दर लागू होगी। पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, जर्दा, बिना प्रोसेस किया तंबाकू, बीड़ी जैसे तंबाकू और महंगे वाहनों पर वर्तमान जीएसटी दरें और क्षतिपूर्ति सेस यथावत रहेगी। इन वस्तुओं पर तब तक कोई बदलाव नहीं किया जाएगा जब तक कि क्षतिपूर्ति सेस खाते के अंतर्गत बकाया ऋण और ब्याज का पूरा भुगतान नहीं हो जाता। लंबे समय से प्रतीक्षित जीएसटी 2.0 की यह व्यवस्था 22 सितंबर से लागू की जाएगी।
बदलाव के बाद सस्ती हो जाएंगी ये चीजें
-यूएचटी दूध पर अब जीएसटी पूरी तरह खत्म कर दिया गया है, जो पहले 5% था।
-कंडेंस्ड मिल्क, बटर, घी, पनीर और चीज 12% से घटाकर 5% और कुछ मामलों में शून्य किया।
-माल्ट, स्टार्च, पास्ता, कॉर्नफ्लेक्स, बिस्किट, चॉकलेट और कोको उत्पादों पर टैक्स घटाकर 5% किया।
-बादाम, पिस्ता, हेजलनट, काजू और खजूर पर टैक्स 12% से घटाकर 5% कर दिया गया।
-रिफाइंड शुगर, शुगर सिरप, टॉफी और कैंडी जैसे कन्फेक्शनरी उत्पादों को 5% स्लैब में लाया गया।
-वेजिटेबल ऑयल, एनिमल फैट, खाने योग्य स्प्रेड, सॉसेज, मांस-फिश प्रोडक्ट्स और माल्ट एक्सट्रैक्ट वाले पैकेज्ड फूड पर टैक्स की दर 5% रहेगी।
-नमकीन, भुजिया, मिक्सचर और चबेना पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दी गई है।
-मिनरल वाटर और एरेटेड वाटर जिनमें शुगर या फ्लेवर नहीं है, उन पर टैक्स 18% से घटाकर 5% की गई।
कृषि और उर्वरकों पर लागू होगी यह नई दर
-उर्वरकों पर जीएसटी 12% और 18% से घटाकर 5% कर दिया गया।
-बीज और फसल पोषक तत्वों जैसे कृषि इनपुट्स को 12% से घटाकर 5% किया गया।
स्वास्थ्य और शिक्षा
-जीवनरक्षक दवाओं, स्वास्थ्य उत्पादों और कुछ चिकित्सा उपकरणों पर टैक्स घटाकर 5% या शून्य किया गया।
-शिक्षा सेवाओं और किताबों, लर्निंग एड्स पर जीएसटी की नई दर घटाकर 0% या 5% की गई है।
उपभोक्ता वस्तुएं
-इलेक्ट्रॉनिक्स में कुछ एंट्री-लेवल उपकरणों को 28% से घटाकर 18% स्लैब में लाया गया।
-फुटवियर और टेक्सटाइल्स पर टैक्स 12% से घटाकर 5% कर दिया गया।
-पेपर सेक्टर में कुछ ग्रेड्स पर जीएसटी 12% से घटाकर शून्य कर दिया गया।
-हेयर आॅयल, शैम्पू, टूथपेस्ट और डेंटल फ्लॉस पर टैक्स 18% से घटाकर 5% कर दिया गया।
अन्य सेक्टरों में किए गए ये बदलाव
-नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों पर टैक्स 12% से घटाकर 5% कर दिया गया।
-कंस्ट्रक्शन में इस्तेमाल होने वाले प्रमुख कच्चे माल पर टैक्स 12% से घटाकर 5% किया गया।
-खेल सामग्री और खिलौनों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया।
-चमड़ा, लकड़ी और हैंडीक्राफ्ट उत्पादों को 5% स्लैब में लाया गया।
(इन बदलावों से किराने का सामान, उर्वरक, कपड़े, जूते, नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण और कई अन्य रोजमर्रा के उत्पाद सस्ते हो जाएंगे, जिससे आम घरों और छोटे व्यवसायों को राहत मिलेगी।)
एरेटेड वाटर का टैक्स 28% से 40% किया गया
-सिन और लक्जरी वस्तुओं के लिए 40% टैक्स स्लैब जारी रहेगा।
-इसमें सिगरेट, प्रीमियम शराब और लग्जरी कारें शामिल हैं।
-राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा आयातित आर्मर्ड लग्जरी सेडान को विशेष मामलों में छूट दी जाएगी।
-अब इन उत्पादों का मूल्यांकन ट्रांजैक्शन वैल्यू के बजाय रिटेल सेल प्राइस के आधार पर होगा।
-सभी मीठे और फ्लेवर वाले एरेटेड वाटर का टैक्स 28% से बढ़ाकर 40% कर दिया गया है।
ऊर्जा और ईंधन पर अब ज्यादा कर
-ऊर्जा और ईंधन पर वसूला जाएगा 18% कर, इससे कोयला-आधारित उद्योगों की लागत बढ़ेगी।
-कुछ रेस्टोरेंट जो स्पेसिफाइड प्रिमाइसेजह्व में चलते हैं, अब 18% जीएसटी के साथ आईटीसी का विकल्प नहीं चुन पाएंगे।
-लॉटरी और इंटरमीडियरी सेवाओं के नियमों को फिर से परिभाषित किया गया है, इन पर टैक्स का बोझ अधिक रहेगा।