Aniruddh Singh
20 Oct 2025
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Aniruddh Singh
19 Oct 2025
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न्यूयार्क। अमेरिका में तेजी से लोकप्रिय हो रही वजन घटाने की दवा वेगोवी (नोवो नॉर्डिस्क) और जेपबाउंड (एली लिली) की मांग ने पिछले दो सालों में एक अलग ही बाजार खड़ा कर दिया। इन दिनों नोवो नॉर्डिस्क के वेगोवी के जेनेरिक संस्करण बनाने की होड़ में शामिल कुछ चीनी कंपनियों ने पिछले दो सालों में अमेरिका में ऑनलाइन बेची गई वजन घटाने वाली दवाओं की एक अरब से अधिक खुराकों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति की है। यह जानकारी तीन अलग-अलग स्रोतों और शिपिंग और सार्वजनिक रिकॉर्ड से मिली है। अब अमेरिका में कॉम्पाउंडिंग फार्मेसियों की गतिविधियों और ब्रॉन्डेड दबाओं के सस्ते वर्जनों की बिक्री पर पाबंदी लगा दी है। कंपाउन्डिंग फार्मेसियों पर नियामकीय सख्ती के बाद वेगोवी और एली लिली की जेपबाउंड के सस्ते वर्जन बनाने वाली कंपनियां पीछे हटने लगी हैं। इसके बाद चीनी कंपनियों ने नए विकल्पों की तलाश शुरू कर दी है।
अब जैसे-जैसे नियामक सख्त हो रहे हैं और पेटेंट खत्म हो रहे हैं, चीनी कंपनियों ने नए अवसरों पर ध्यान केंद्रित कर दिया है। उल्लेखनीय है कि कॉम्पाउंडेड वर्जन और जेनेरिक दवाओं में बहुत फर्क होता है। कॉम्पाउंडेड वर्जन, अस्थायी और अनुमोदित न किए गए सस्ते वर्जन को कहते हैं, जिन्हें फार्मेसियां व्यक्तिगत मरीजों की जरूरत के हिसाब से तैयार करती हैं। इन्हीं पर एफडीए ने सख्ती की है। जबकि, जेनेरिक दवाएं वे होती हैं, इन्हें बनाने की एफडीए तब अनुमति देता है, जब किसी ब्रांडेड दवा का पेटेंट खत्म हो जाता है।
एफडीए ने कॉम्पाउंडिंग फार्मेसियों की गतिविधियों और सस्ते वर्जनों की बिक्री पर पाबंदी लगा दी है। इस प्रतिबंध की वजह से कच्चे माल के चीनी आपूर्तिकर्ताओं के शिपमेंट में गिरावट देखने को मिली है। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के पूर्व प्रमुख रॉबर्ट कैलिफ ने कहा कि इससे पहले कभी कोई नई दवा इतनी लोकप्रिय नहीं हुई थी कि उसकी मूल कंपनी ही आपूर्ति पूरी न कर सके। इस कमी ने कॉम्पाउंडिंग फार्मेसियों और टेलीहेल्थ कंपनियों को मौका दिया, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान तेजी से विस्तार किया था। उन्होंने बाजार में सस्ते विकल्पों की भरमार के माध्यम से बड़ी संख्या में वजन घटाने के इच्छुक मरीजों को अपनी ओर आकर्षित किया। एफडीए की सख्ती के बाद अब परिदृश्य बदलने लगा है।
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चीनी कंपनियों ने विभिन्न देशों में पेटेंट की अवधि खत्म होने के बाद एफडीए द्वारा अनुमोदित जेनेरिक दवाओं की ओर रुख किया है। ब्रांडेड दवाओं की मांग में एक साल से भारी वृद्धि देखने को मिली है। इन दवाओं से लोगों को अपना वजह 20% तक कम करने में मदद मिली है। पिछले साल ब्रांडेड दवाओं की भारी मांग के बाद, चीनी कंपनियां जेनेरिक बाजार में अवसर तलाश रही हैं। अमेरिका में सेमाग्लूटाइड और टिर्जेपाटाइड (वेगोवी और जेपबाउंड के मुख्य तत्व) की सप्लाई करने वाली जांगसू सनिपेप-ऑलसनो बायोफार्मास्युटिकल और हाइबियो फार्मास्युटिकल जैसी आठ चीनी कंपनियां, अब खुद के जेनेरिक वर्जन लॉन्च करने की तैयारी में हैं। जानकारी के अनुसार, नानजिंग हैंसिन फार्मास्युटिकल्स और फ्यूजियान जेनोहोप बायोटेक जैसी कंपनियां भी जल्द इस दौड़ में शामिल हो सकती हैं।
हालांकि, इनमें से किसी भी कंपनी ने इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। अमेरिकी कानून के अनुसार अब कॉम्पाउंडिंग फार्मेसियों को केवल व्यक्तिगत जरूरत वाले मरीजों के लिए खुराक तैयार करने या ऐसी फॉर्मुलेशन बनाने की अनुमति है, जो ब्रांडेड दवाओं में उपलब्ध नहीं है। इसका मतलब है कि उनके लिए बड़े पैमाने पर सस्ते वर्जन बनाकर बेचने का रास्ता बंद हो गया है। एक सूत्र ने बताया कि कुछ चीनी कंपनियां, जिनका कारोबार कॉम्पाउंडेड दवाओं के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराना था, अब कनाडा और ब्राजील जैसे उन बाजारों की ओर रुख कर रही हैं, जहां अगले साल नोवो का सेमाग्लूटाइड पेटेंट खत्म होने वाला है।
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कनाडा और ब्राजील में ये कंपनियां जेनेरिक दवा निर्माताओं को कच्चा माल बेचना चाहती हैं। कम से कम 5 अन्य चीनी कंपनियां भी इसी रणनीति पर काम कर रही हैं। हालांकि, जेनेरिक बाजार उतनी विस्फोटक बढ़ोतरी होने की संभावना नहीं है,जितनी कॉम्पाउंडेड वर्जन के दौर में देखने को मिली थी। इंजेक्शन के रूप में सेमाग्लूटाइड का निर्माण तकनीकी रूप से बेहद जटिल प्रक्रिया है। विशेषज्ञों के अनुसार यह स्थिति दस साल में एक बार मिलने वाले अवसर जैसी है। जब ब्रांडेड दवाओं की कमी हुई, तब कॉम्पाउंडिंग फार्मेसियों ने इस अभूतपूर्व मौके का फायदा उठाकर विशाल बाजार में कदम रखा।