Aniruddh Singh
26 Sep 2025
Aniruddh Singh
25 Sep 2025
मुंबई। दलाल स्ट्रीट आने वाले दिनों में बड़े उतार-चढ़ाव के लिए तैयार हो रही है क्योंकि कई कंपनियों के आईपीओ लॉक-इन पीरियड खत्म होने वाले हैं। लॉक-इन पीरियड वह समय होता है जब आईपीओ के बाद शुरुआती निवेशक और प्रमोटर अपने शेयर तुरंत नहीं बेच सकते। जैसे ही यह समय समाप्त होता है, इन निवेशकों को शेयर बेचने की आजादी मिल जाती है, जिससे बाजार में शेयरों की सप्लाई अचानक बढ़ सकती है। नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के आंकड़ों के मुताबिक, 24 सितंबर से 31 दिसंबर के बीच लगभग 67 कंपनियों के लॉक-इन पीरियड समाप्त होगा। इससे करीब 20 अरब डॉलर यानी लगभग 2,000 करोड़ रुपए के शेयर बाजार में उपलब्ध हो जाएंगे।
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हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि सारे शेयर तुरंत बिक जाएंगे। इन शेयरों का बड़ा हिस्सा कंपनियों के प्रमोटर्स के पास रहता है और वे अक्सर इन्हें लंबे समय तक होल्ड करते हैं, जिससे अचानक आपूर्ति बढ़ने का खतरा कम हो जाता है और बाजार में बड़ी गिरावट नहीं आती। आने वाले तीन महीनों में यह लॉक-इन खत्म होने की प्रक्रिया कई अलग-अलग सेक्टर्स में देखने को मिलेगी, जिनमें वित्तीय सेवाएं, स्टील और उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाली कंपनियां शामिल हैं। सबसे पहले एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज 29 सितंबर को 2.3 करोड़ शेयरों के साथ इस प्रक्रिया की शुरुआत करेगी। इसके बाद अर्बन कंपनी के 4.1 करोड़ शेयर 16 अक्टूबर को खुलेंगे।
16 अक्टूबर को ही श्रीनगर हाउस ऑफ मंगलसूत्र और देव एक्सीलरेटर के क्रमशः 40 लाख और 50 लाख शेयर भी बाजार में उपलब्ध होंगे। यूरो प्रतीक सेल्स का लॉक-इन 20 अक्टूबर को खत्म होगा, जिससे इसकी 3% हिस्सेदारी बाजार में आ जाएगी। सबसे बड़ा और चर्चित इवेंट नवंबर में होगा जब इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर निर्माता एथर एनर्जी का छह महीने का लॉक-इन पीरियड समाप्त होगा। 6 नवंबर को कंपनी के 16.2 करोड़ शेयर, जो उसकी कुल हिस्सेदारी का 44% हैं, बाजार में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होंगे। यह इस तिमाही का सबसे बड़ा अनलॉक इवेंट होगा। इसी दिन हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर और ऑल टाइम प्लास्टिक्स के लॉक-इन भी खत्म होंगे, हालांकि इनका पैमाना छोटा होगा।
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इसके बाद नवंबर के अंत में बोराना वीव्स के 10% शेयर बाजार में आ जाएंगे। इसके अलावा जेएसडब्ल्यू सीमेंट, विक्रम सोलर, एनएसडीएल, कलपतरु, संभव स्टील ट्यूब्स और विकरण इंजीनियरिंग जैसी कंपनियों के शेयर भी धीरे-धीरे अनलॉक होंगे। हालांकि 20 अरब डॉलर का आंकड़ा बहुत बड़ा लग सकता है, लेकिन वास्तविक प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि इनमें से कितने शेयर वास्तव में बाजार में बेचे जाते हैं। प्रमोटर्स आमतौर पर लंबे समय के लिए शेयर होल्ड करते हैं, जिससे यह संभावना रहती है कि एकदम से शेयरों की बाढ़ नहीं आएगी। निवेशकों को इस दौरान सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि यदि बड़ी संख्या में शेयर बिकते हैं, तो इससे शेयर की कीमतों में अस्थिरता आ सकती है।