People's Reporter
11 Nov 2025
नई दिल्ली। जेपी ग्रुप से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मनोज गौड़ को गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग और घर खरीदारों के पैसों की हेराफेरी से जुड़े बड़े मामले में की गई है। ED का आरोप है कि, जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) और उससे जुड़ी कंपनियों ने मनोज गौड़ के माध्यम से लगभग 12,000 करोड़ रुपए की गड़बड़ी की है।
ED का आरोप है कि, जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड ने अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में घर खरीदारों से लिए गए पैसे का गलत इस्तेमाल किया और इन्हें अन्य परियोजनाओं में लगाया। इस धोखाधड़ी में कई निवेशकों का पैसा अटका हुआ है और उन्हें अभी तक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
साल 2017 में भी कई FIR दर्ज की गई थीं, जब घर खरीदारों ने बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि उनके पैसे का गलत उपयोग किया गया। मनोज गौड़ की गिरफ्तारी के बाद ED की जांच और तेज हो सकती है। एजेंसी अब संपत्तियों की अटैचमेंट और फाइनेंशियल ट्रैकिंग के जरिए पूरे मामले की पड़ताल कर रही है।
इस साल मई 2025 में ED ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (PMLA) के तहत जेपी इंफ्राटेक, जेपी एसोसिएट्स और उनसे जुड़ी कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली, मुंबई और अन्य प्रमुख शहरों में लगभग 15 जगहों पर यह कार्रवाई की गई थी। 23 मई 2025 को हुई इस छापामारी में एजेंसी ने महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और बैंक रिकॉर्ड जब्त किए। इसके अलावा 1.70 करोड़ रुपए की नकदी भी ED ने अपने कब्जे में ली थी।
ED ने मनोज गौड़ की गिरफ्तारी के बाद जांच तेज कर दी है। अब एजेंसी पूरे मामले की फाइनेंशियल ट्रैकिंग कर रही है और संपत्तियों को अटैच करने की प्रक्रिया भी चल रही है। इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि, इस धोखाधड़ी में कितने निवेशकों का पैसा प्रभावित हुआ और जिम्मेदार कौन हैं।