Aniruddh Singh
9 Nov 2025
नई दिल्ली। भारत के वाणिज्यिक रियल एस्टेट बाजार में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है। अमेरिकी रियल एस्टेट परामर्श कंपनी वेस्टियन की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर तिमाही में देश के छह प्रमुख शहरों में नए आफिस स्पेस की आपूर्ति में 26 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है, जो कुल 16.1 मिलियन वर्ग फुट तक पहुंच गई। यह उछाल वैश्विक और घरेलू कंपनियों द्वारा प्रीमियम कार्यस्थलों की बढ़ती मांग के चलते आया है। सबसे अधिक वृद्धि पुणे में दर्ज की गई, जहां नई आॅफिस सप्लाई 164 प्रतिशत बढ़कर 3.7 मिलियन वर्ग फुट पर पहुंच गई। दिल्ली-एनसीआर में भी मजबूत प्रदर्शन देखा गया, जहां नई सप्लाई 35 प्रतिशत बढ़कर 3.1 मिलियन वर्ग फुट हो गई। चेन्नई में स्थिति और भी प्रभावशाली रही, जहां आपूर्ति में 320 प्रतिशत की छलांग लगाते हुए यह 2.1 मिलियन वर्ग फुट तक पहुंच गई।
मुंबई में भी आफिस स्पेस की नई आपूर्ति दोगुनी होकर 1.8 मिलियन वर्ग फुट दर्ज की गई। जबकि, देश के सबसे बड़े आफिस बाजार बेंगलुरु में नई आपूर्ति 6 प्रतिशत घटकर 3.4 मिलियन वर्ग फुट रह गई। वहीं हैदराबाद में सप्लाई में 51 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 2 मिलियन वर्ग फुट पर सिमट गई। दिलचस्प बात यह रही कि कोलकाता, जो सातवां बड़ा शहर है, वहां इस तिमाही में कोई नई आफिस स्पेस सप्लाई नहीं हुई। वेस्टियन के सीईओ श्रीनिवास राव ने बताया कि वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में इस साल की सबसे ज्यादा आॅफिस स्पेस लीजिंग (अवशोषण) दर्ज की गई। इसका प्रमुख कारण ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) की बढ़ती मांग रही, जो बहुराष्ट्रीय कंपनियों के तकनीकी और बैक-आॅफिस संचालन के केंद्र हैं।
वेस्टियन के सीईओ राव ने कहा वैश्विक व्यापारिक अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक तनावों के बावजूद भारत का आॅफिस बाजार मजबूत है। निर्माण गतिविधियों में भी तेजी आई है, जिससे प्रमुख शहरों में नई आपूर्ति देखने को मिली है। रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई से सितंबर 2025 के बीच सात प्रमुख शहरों में आॅफिस स्पेस की कुल लीजिंग 6 प्रतिशत बढ़कर 19.69 मिलियन वर्ग फुट तक पहुंच गई। राव ने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका में एच-1बी वीजा पर संभावित सख्ती भारत में आॅफिस स्पेस की मांग को और बढ़ा सकती है, क्योंकि अधिक कंपनियां अपने वैश्विक केंद्र भारत में स्थापित कर रही हैं। वर्तमान में भारत के वाणिज्यिक रियल एस्टेट क्षेत्र में डीएलएफ, टाटा रियल्टी, हिरानंदानी ग्रुप, एम्बेसी ग्रुप, प्रेस्टिज एस्टेट्स, सत्त्वा ग्रुप और आरएमजेड ग्रुप जैसे बड़े डेवलपर्स सक्रिय रूप से नए आॅफिस स्पेस बना रहे हैं।
1. भारत के छह प्रमुख शहरों— पुणे, दिल्ली-एनसीआर, चेन्नई, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद में सितंबर 2025 तिमाही के दौरान नए आॅफिस स्पेस की सप्लाई 26% बढ़कर 16.1 मिलियन वर्ग फुट तक पहुंच गई।
2. पुणे में सबसे अधिक उछाल दर्ज हुआ, जहाँ नई आफिस सप्लाई 164% बढ़कर 3.7 मिलियन वर्ग फुट हो गई, जबकि चेन्नई में यह 320% बढ़कर 2.1 मिलियन वर्ग फुट पहुंची और दिल्ली-एनसीआर में 35% की वृद्धि के साथ 3.1 मिलियन वर्ग फुट तक पहुँची।
3. मुंबई में आफिस स्पेस की आपूर्ति दोगुनी होकर 1.8 मिलियन वर्ग फुट रही, जबकि बेंगलुरु में 6% की कमी और हैदराबाद में 51% की गिरावट दर्ज की गई, कोलकाता में कोई नई सप्लाई नहीं हुई।
4. रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई से सितंबर 2025 के बीच आफिस स्पेस की कुल लीजिंग 6% बढ़कर 19.69 मिलियन वर्ग फुट तक पहुँची, जिसमें ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) की मांग ने अहम भूमिका निभाई।
5. डीएलएफ, टाटा रियल्टी, हिरानंदानी, एम्बेसी, प्रेस्टिज, सत्त्वा और आरएमजेड ग्रुप जैसे बड़े डेवलपर्स व 4 प्रमुख आरईआईटी - नॉलेज रियल्टी ट्रस्ट, एम्बेसी आफिस पार्क्स, माइंडस्पेस बिजनेस पार्क्स और ब्रुकफील्ड इंडिया ट्रस्ट -सक्रिय रूप से अपने आफिस प्रोजेक्ट्स का विस्तार कर रहे हैं, जिससे आने वाले महीनों में बाजार और मजबूत होने की उम्मीद है।