Naresh Bhagoria
8 Nov 2025
उज्जैन। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के उज्जैन से जुड़ी मस्जिद मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार की सुनवाई में उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। दरअसल प्रदेश सरकार ने उज्जैन की तकिया मस्जिद को भूमि अधिग्रहण के बाद इसका मुआवजा देकर ध्वस्त किया था। अदालत में इस मामले की सुनवाई जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एनवी अंजारिया की बैंच कर रही थी।
मस्जिद से जुड़े मामले की सुनवाई में जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने कहा कि यह विध्वंस और भूमि अधिग्रहण कानून के तहत किया गया और इसका मुआवजा भी दिया गया। फैसला सुनाते हुए पीठ ने कहा कि यह वैधानिक योजना के तहत जरुरी था जिसमें मुआवजा दिया गया। दूसरी ओर याचिकाकर्ता पक्ष हाईकोर्ट में दायर याचिका वापिस ले चुका है।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर वकील एम आर शमशाद ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि मस्जिद 200 साल पुरानी है। और इसे दूसरे धार्मिक स्थान को बढ़ावा देने के लिए निशाना बनाया गया। इसका कारण महाकाल मंदिर एरिया का पार्किंग एरिया को बढ़ाने की आड़ में गिराया गया था। इस पर दलीलें सुनते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मस्जिद भूमि के अधिग्रहण को चुनौती देने वाली याचिका पहले ही वापिस ले ली गई थी।
दरअसल 10 महीने पहले महाकाल मंदिर की विस्तारीकरण की जद में आ रही तकिया मस्जिद को तोड़ने के मामले में वहां दोबारा मस्जिद बनाने की अपील की थी। ये याचिका उज्जैन के 13 निवासियों ने दायर की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि 200 साल पुरानी मस्जिद में वे नमाज अदा करते हैं। इसे राज्य सरकार ने महाकाल मंदिर के पार्किंग क्षेत्र को बढ़ाने की जद में गिरा दिया।