Naresh Bhagoria
7 Nov 2025
हेल्थ डेस्क। बॉलीवुड में हाल ही में दो दुखद खबरों ने सबको झकझोर कर रख दिया। सत्तर और अस्सी के दशक की मशहूर गायिका सुलक्षणा पंडित का 6 नवंबर को कार्डियक अरेस्ट से 71 साल की उम्र में निधन हो गया। वहीं एक दिन बाद फिल्म निर्माता संजय खान की पत्नी जरीन कतरक भी कार्डियक अरेस्ट की वजह से इस दुनिया को अलविदा कह गईं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में क्या फर्क है? आमतौर पर हम दिल की बीमारी को सिर्फ हार्ट अटैक समझते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि कार्डियक अरेस्ट एक अलग और बेहद खतरनाक स्थिति है, जो मिनटों में जानलेवा साबित हो सकती है। इन दोनों सितारों की अचानक मौत ने एक बार फिर दिल की इस खतरनाक बीमारी की ओर ध्यान खींचा है। आइए जानते हैं कि, कार्डियक अरेस्ट क्या है, इसके कारण क्या हैं और इससे अपनी जान कैसे बचाई जा सकती है।
अमेरिका के ओहियो में स्थित मेडिकल सेंटर क्लीवलैंड क्लीनिक की एक रिपोर्ट के अनुसार-
कार्डियक अरेस्ट: यह दिल की इलेक्ट्रिकल प्रणाली में समस्या होने के कारण दिल की धड़कन अचानक रुक जाने की स्थिति है।
हार्ट अटैक: यह तब होता है जब दिल की मांसपेशियों में खून का फ्लो बाधित हो जाता है।
कार्डियक अरेस्ट इलेक्ट्रिकल समस्या है, जबकि हार्ट अटैक ब्लड सर्कुलेशन से जुड़ी समस्या।
कार्डियक अरेस्ट में दिल खून पंप करना बंद कर देता है। इससे व्यक्ति तुरंत बेहोश हो जाता है और अगर समय पर मदद न मिले तो यह कुछ मिनटों में जानलेवा साबित हो सकता है। यह स्थिति सडन कार्डियक अरेस्ट (SCA) के नाम से भी जानी जाती है। शरीर के अंगों को ऑक्सीजन की लगातार जरूरत होती है और दिल खून पंप न करने पर अंगों और पूरे शरीर में मौत का खतरा बढ़ जाता है।
कभी-कभी यह बिना किसी चेतावनी के भी हो सकता है।
कार्डियक अरेस्ट एक एमरजेंसी स्थिति है। तत्काल मदद के लिए-
सीपीआर (CPR): फेफड़ों और दिमाग तक ऑक्सीजन पहुंचाता है।
डिफिब्रिलेटर (Defibrillator): इलेक्ट्रिक शॉक देकर दिल की धड़कन को सामान्य करता है।
जल्द मदद मिलने पर मरीज की बचने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। दिल की सेहत की अनदेखी करना किसी भी उम्र में भारी पड़ सकता है। इसलिए अपने और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए दिल की जांच कराना, लक्षणों को पहचानना और इमरजेंसी में डॉक्टर की मदद लेना बेहद जरूरी है।