Manisha Dhanwani
8 Nov 2025
भोपाल। भोपाल नगर निगम में 15 हजार से अधिक सफाईकर्मी शनिवार सुबह आधी सैलरी मिलने के विरोध में हड़ताल पर चले गए। कर्मचारियों ने निगम कार्यालयों और सड़कों पर सफाई वाहन खड़ा कर प्रदर्शन किया। विशेष रूप से कोलार इलाके में इसका सबसे ज्यादा असर देखा गया। निगम में लागू नए आधार आधारित अटेंडेंस सिस्टम के कारण कर्मचारियों को 16 से 31 अक्टूबर तक की ही सैलरी मिली है।
सफाईकर्मियों का कहना है कि, वे अपने परिवार, बच्चों की फीस और अन्य आवश्यक खर्चों के लिए पूरी सैलरी पर निर्भर हैं। भारतीय सफाई मजदूर संघ के अध्यक्ष सोनू डागर ने बताया कि, अगर निगम नए अटेंडेंस सिस्टम को लागू करना चाहता था, तो इसे 1 नवंबर से शुरू करना चाहिए था। जिससे कर्मचारियों की पूरी सैलरी प्रभावित नहीं होती।
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी ने इसे कर्मचारियों का अपमान बताया। उन्होंने कहा, जो कर्मचारी रात-दिन मेहनत करके भोपाल को स्वच्छ बनाते हैं, उन्हें आधे वेतन पर काम करना उचित नहीं।
कर्मचारियों के समर्थन में कांग्रेस नेता रविंद्र साहू और नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी भी मौके पर पहुंचे। रविंद्र साहू ने कहा कि, यदि जरूरत पड़ी तो वे भूख हड़ताल पर बैठने से भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने महापौर और कमिश्नर से तत्काल कार्रवाई की अपील की और सफाईकर्मियों की मांग को सही ठहराया।
कोलार स्थित निगम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन के कारण क्षेत्र में सफाई पूरी तरह ठप रही। अन्य इलाकों में भी कर्मचारियों की नाराजगी का असर देखने को मिला। कर्मचारी नेताओं ने स्पष्ट किया कि, ‘आधा वेतन, पूरा काम’ की नीति स्वीकार्य नहीं है।
सफाईकर्मियों ने अटेंडेंस के समय में बदलाव की भी मांग की है। महिलाओं का समय सुबह 8 बजे और पुरुष कर्मचारियों का समय सुबह 7 बजे करने की बात प्रशासन से कही गई है, ताकि सुबह के काम निपटाकर सफाई की जा सके।