Aniruddh Singh
14 Sep 2025
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13 Sep 2025
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13 Sep 2025
लंदन। ब्रिटेन सरकार ने घोषणा की है कि अमेरिका की कई प्रमुख वित्तीय कंपनियां ब्रिटेन में लगभग 1.7 अरब डॉलर का बड़ा निवेश करने जा रही हैं। यह निवेश ऐसे समय में सामने आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ब्रिटेन यात्रा पर जाने वाले हैं। इसे केवल एक कारोबारी सौदा नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच गहरे और मजबूत होते आर्थिक रिश्तों का संकेत माना जा रहा है। इस निवेश का सबसे बड़ा फायदा ब्रिटेन के चार प्रमुख शहरों–लंदन, एडिनबर्ग, बेलफास्ट और मैनचेस्टर–को मिलेगा। अनुमान है कि इसके चलते लगभग 1,800 नई नौकरियां पैदा होंगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। खास बात यह है कि यह निवेश केवल पारंपरिक बैंकिंग या वित्तीय सेवाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि तकनीकी सहयोग, नए दफ्तरों की स्थापना और रोजगार सृजन जैसी बहुआयामी गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।
बैंक ऑफ अमेरिका ने घोषणा की है कि वह पहली बार उत्तरी आयरलैंड में अपना परिचालन शुरू करेगा और बेलफास्ट में लगभग 1,000 लोगों को रोजगार देगा। यह कदम न केवल वहां की स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल देगा, बल्कि उत्तरी आयरलैंड को वैश्विक वित्तीय सेवाओं के मानचित्र पर भी मजबूती से स्थापित करेगा। इसी तरह सिटीग्रुप ने अपने ब्रिटेन स्थित कारोबार में 1.1 अरब पाउंड का निवेश करने का ऐलान किया है। इसमें उत्तरी आयरलैंड में भी बड़ा विस्तार शामिल है, जिससे यह क्षेत्र अमेरिकी निवेश के लिए और भी आकर्षक बनेगा। दूसरी ओर, एस एंड पी ग्लोबल ने मैनचेस्टर में 40 लाख पाउंड से अधिक का निवेश कर 200 स्थाई नौकरियों का वादा किया है।
वहीं ब्लैकरॉक ने घोषणा की है कि वह अगले वर्ष ब्रिटेन के बाजार में लगभग 7 अरब पाउंड का निवेश करेगा और एडिनबर्ग में नया कार्यालय खोलकर वहां अपने कर्मचारियों की संख्या दोगुनी करेगा। ब्रिटेन के व्यापार मंत्री पीटर काइल ने इसे अमेरिका और ब्रिटेन के बीच गोल्डन कॉरिडोर बनाने की बात की। उनके मुताबिक यह निवेश इस बात का सबूत है कि दोनों देशों के बीच वित्तीय और कारोबारी साझेदारी कितनी मजबूत है। ब्रिटेन की वित्त मंत्री रेचेल रीव्स ने भी इसे आर्थिक विकास को किकस्टार्ट करने वाला कदम बताया है, जिससे हर हिस्से में आम लोगों की जेब तक धन पहुंचेगा। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि इन समझौतों के चलते दोनों देशों के बीच 20 अरब पाउंड का व्यापार सुनिश्चित होगा।
इसके अलावा लंदन स्थित अमेरिकी दूतावास ने भी बताया कि आने वाले दिनों में दोनों देश तकनीकी क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक नया समझौता करने जा रहे हैं। यह समझौता दोनों देशों की ट्रिलियन-डॉलर की टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के बीच साझेदारी को गहराई देगा। राष्ट्रपति ट्रंप की यात्रा से पहले यह संदेश दुनिया के लिए यह स्पष्ट करता है कि वैश्विक वित्तीय और तकनीकी क्षेत्र में अमेरिका और ब्रिटेन एक-दूसरे के सबसे भरोसेमंद साझेदार बने हुए हैं। यह निवेश ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था के लिए राहत की तरह है, जो ब्रेक्जिट के बाद लगातार स्थिरता और विदेशी निवेश की तलाश में रही है। अब इस कदम से न केवल रोजगार बढ़ेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रिटेन का निवेश गंतव्य के रूप में आकर्षण भी बढ़ेगा।